पश्चिम बंगाल के बदुरिया में सांप्रदायिक हिंसा, विजयवर्गीय ने कहा घरों पर हमले व रेप हुए

कोलकाता : फेसबुक पर एक ‘आपत्तिजनक’ पोस्ट को लेकर पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गयी जिसके बाद राज्य सरकार ने स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस की मदद की खातिर अर्धसैनिक बल बीएसएफ के 400 जवान वहां भेजे हैं. पुलिस ने आज बताया कि बसीरहाट अनुमंडल के बदुरिया […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 5, 2017 11:20 AM

कोलकाता : फेसबुक पर एक ‘आपत्तिजनक’ पोस्ट को लेकर पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गयी जिसके बाद राज्य सरकार ने स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस की मदद की खातिर अर्धसैनिक बल बीएसएफ के 400 जवान वहां भेजे हैं.

पुलिस ने आज बताया कि बसीरहाट अनुमंडल के बदुरिया में दो समुदायों के सदस्यों के बीच कल रात पोस्ट को लेकर झड़पेंशुरू हुईं. उसके बाद एक युवक को गिरफ्तार किया गया है.

उन्होंने कहा कि हिंसकभीड़ ने कई स्थानों पर सड़कों को जाम कर दिया और दूसरे समुदाय के लोगों पर हमला किया तथा कई दुकानों को निशाना बनाया.

किसी के हताहत होने की अभी तक कोई खबर नहीं है. पुलिस ने कहा कि बदुरिया में दुकानें बंद रहीं और तनाव आसपास के इलाकों जैसे केवशा बाजार, बांसतला, रामचंद्रपुर और तेनतुलिया में भी फैल गया.

बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बल के दक्षिणी बंगाल फ्रंटियर से 400 जवान बसीरहाट सहित विभिन्न स्थानों पर तैनात किए गए हैं. उन्हें स्थिति पर काबू पाने की खातिर पुलिस की मदद के लिए तैनात किया गया है.

गवर्नर पर ममता ने लगाये आरोप, बोलीं – मैंने कुर्सी छोड़ने की सोची

इस बीच एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल केसरीनाथत्रिपाठी पर उन्हें फोन पर ‘ ‘धमकाने ‘ ‘ का आरोप लगाया और कहा कि वह ‘भाजपा के प्रखंड अध्यक्ष ‘ की तरह बर्ताव कर रहे हैं.

ममता ने कहा, ‘ ‘…मैं यहां किसी की दया पर नहीं हूं. उन्होंने जिस तरीके से मुझसे बातचीत की, एक बार तो मैंने :कुर्सी: छोड़ने की सोची. ‘ ‘त्रिपाठी ने ममता के ‘ ‘रुख और भाषा ‘ ‘ पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि हमारी बातचीत में ऐसा कुछ नहीं हुआ जिससे ममता बनर्जी को लगे कि उनकी बेइज्जती हुई या उन्हें धमकाया गया या उन्हें अपमानित किया गया.

पढ़ें : ममता बनर्जी व गवर्नर के बीच तल्खी के बाद केसरीनाथ ने राजनाथ को किया फोन, बोले – मैं मूकदर्शक नहीं

राजभवन ने यहां जारी एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच बातचीत की प्रकृति गोपनीय है और उम्मीद की जाती है कि कोई भी इसका खुलासा नहीं करेंगे.

इसमें कहा गया है कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को शांति तथा कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा.

इसमें कहा गया है, ‘ ‘ माननीय राज्यपाल राज्य के मामलों को लेकर मूक दर्शक नहीं बने रह सकते.’ ‘ दंगों की निंदा करते हुए ममता ने कहा, ‘ ‘यह एक गंभीर मुद्दा है, मुझे इससे गंभीरता से निपटने दीजिए. ‘ ‘ उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति की गिरफ्तारी के बाद औरगड़बड़ी नहीं होनी चाहिए थी. ‘ ‘इस पर काबू पाने के लिए हम कल रात जगे हुए थे. ‘ ‘ ममता ने कहा, ‘ ‘ केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी का एजेंडा है. उन्होंने लोगों की हत्या के लिए गौरक्षक समूह बनाया है… ‘ ‘

विजयवर्गीय ने राजनाथ से हस्तक्षेप की मांग की, लगाये गंभीर आरोप

उधर राज्य पुलिस पर स्थिति को नियंत्रित करने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए भाजपा महासचिव एवं राज्य के पार्टी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, ‘ ‘2000 से ज्यादा लोगों ने कुछपरिवारों पर हमला किया, कई स्थानों पर बम फेंके गए और बहन-बेटियों से बलात्कार की भी सूचना है. भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने कहा है कि भाजपा के पांच कार्यालयों सहित कई मकानों को आग लगा दी गयी. ‘ ‘ ममता ने कहा, ‘ ‘किसी ने फेसबुक पर कुछ आपत्तिजनक पोस्ट किया. उसे गिरफ्तार कर लिया गया. मेरी सरकार की कहां गलती है. ‘ ‘ राज्य सरकार ने राज्य पुलिस की एक विशेष टीम को वहां भेजा है.

उधर दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एक धार्मिक स्थल के बारे में फेसबुक पोस्ट को लेकर कल शामझड़पहुई थी.

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