69000 Teachers Recruitment: 69000 शिक्षक भर्ती में बड़ी खबर, हाईकोर्ट ने खारिज की ईडब्लूएस आरक्षण मांग वाली याचिका

यूपी में 69000 शिक्षक भर्ती (69000 Teachers Recruitment) में ईडब्लूएस आरक्षण की मांग कर रहे अभ्यर्थियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से निराशा हाथ लगी है. हाईकोर्ट ने पुरानी भर्ती में ईडब्लूएस आरक्षण की मांग की याचिका खारिज कर दी है.

By Amit Yadav | March 12, 2024 6:34 PM

प्रयागराज: 69000 शिक्षक भर्ती (69000 Teachers Recruitment) मामले में अभ्यर्थियों को बड़ा झटका लगा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट (High Court) ने ईडब्लूएस आरक्षण की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने इसका कारण बताया है कि 69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया 16 मई 2020 में शुरू हुई थी. जबकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षण (EWS) 31 अगस्त 2020 को लागू हुआ था. इसलिए पुरानी भर्ती पर ये आक्षण लागू नहीं होगा.

ईडब्लूएस आरक्षण से पहले की है शिक्षक भर्ती
जानकारी के अनुसार आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए ईडब्लूएस आरक्षण लागू किया गया था. अधिनियम की धारा 1(2) प्रावधान है कि अधिनियम 1 फरवरी 2019 से लागू माना जाएगा. अधिनियम की धारा 13 में प्रावधान है कि अधिनियम उन चयन प्रक्रियाओं पर लागू नहीं होगा, जो अधिनियम शुरू होने से पहले शुरू की गई हैं. 69000 सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया 01 दिसंबर 2018 को शुरू हुई थी. लेकिन परीक्षा 2019 में आयोजित की गई थी. ऑफिस मेमोरेंडम लागू होने के बाद इसका परिणाम 12 मई 2020 को घोषित किया गया था. अभ्यर्थियों ने याचिका दाखिल करके इस भर्ती में भी ईडब्लूएस आरक्षण की मांग की थी.

काउंसलिंग की अधिसूचना की तिथि का दिया था हवाला
कोर्ट के अनुसार ऑफिस मेमोरेंडर जारी होने के आधार पर राज्य सरकार आरक्षण लागू करने के लिए वैधानिक रूप से बाध्य नहीं है. अभ्यर्थियों ने याचिका दाखिल करके इस भर्ती में भी ईडब्लूएस आरक्षण की मांग की थी. उनका कहना था कि 16 मई 2020 को सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने भर्ती प्रक्रिया में काउंसलिंग के लिए अधिसूचना जारी की थी. लेकिन अधिसूचना में ईडब्लूएस श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं था. याचिकाकर्ताओं का कहना था कि उन्हें भी 10 फीसदी का आरक्षण मिलना चाहिए. बताया जा रहा है कि याचिका दायर करने के दौरान ही चयन प्रक्रिया पूरी हो गई थी. याचिकाकर्ता मेरिट लिस्ट में नीचे थे, इसलिए उनका चयन नहीं हो सका था. अब अदालत ने भी याचिकाओं को खारिजकर दिया है. इससे ईडब्लूएस आरक्षण मांगने वाले अभ्यर्थियों को निराशा हाथ लगी है.

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