यूपी MLC चुनाव: जानिए क्यों दिलचस्प होगा इस बार मुकाबला, बसपा का खुलेगा खाता!

UP MLC Chunav 2021 उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ कई मुद्दों पर समाजवादी पार्टी (SP) के प्रमुख अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती द्वारा की गयी तीखी बयानबाजी सुर्खियां बनती रही है. ऐसे में प्रदेश में होने जा रहे एमएलसी चुनाव को लेकर भी सियासी तापमान बढ़ने के किसी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 12, 2021 8:01 PM

UP MLC Chunav 2021 उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ कई मुद्दों पर समाजवादी पार्टी (SP) के प्रमुख अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती द्वारा की गयी तीखी बयानबाजी सुर्खियां बनती रही है. ऐसे में प्रदेश में होने जा रहे एमएलसी चुनाव को लेकर भी सियासी तापमान बढ़ने के किसी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.

बता दें कि उत्तर प्रदेश (UP) में एमएलसी चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो गयी है. हालांकि, जो जानकारी सामने आ रही है, उसके अनुसार अभी तक कोई नामांकन नहीं हुआ हैं. वहीं, मीडिया रिपोर्ट की मानें तो 18 नामांकन पत्र जरूर खरीदे गये हैं. बताया जा रहा है कि इनमें से भाजपा के नाम पर दस और सपा व बसपा के नाम पर दो-दो नामांकन पत्र खरीदे गये हैं. जबकि, चार नामांकन निर्दलीय उम्मीदवारों ने खरीदे हैं.

इससे पहले उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की बारह सीट पर 28 जनवरी को होने वाले चुनाव को लेकर सोमवार को अधिसूचना जारी कर दी गयी है. इस बीच राजनीतिक दलों के नाम पर नामांकन पत्र खरीदे जाने की जानकारी सामने आने के साथ ही सूबे में सियासी चर्चाएं जोर पकड़ने लगी है. सवाल उठ रहे है कि क्या यूपी में राज्यसभा की तरह एमएलसी चुनाव में भी सियासी जोड़-तोड़ को खेल देखने को मिलेगा.

यूपी की राजनीति को नजदीक से देखने वालों विशेषज्ञों की मानें तो बारह विधान परिषद की सीटों में से दस सीटों पर भाजपा की जीत तय है. वहीं, सपा के हिस्से में एक सीट जाने की पूरी संभावना है. ऐसे में अब शेष बचे एक सीट को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ने की उम्मीद बढ़ गयी है. दरअसल, एमएलसी चुनाव के लिए बसपा के नामांकन पत्र खरीदने के बाद इस बात के संकेत मिल रहे है कि पार्टी अपना प्रत्याशी मैदान में उतार सकती है.

भाजपा के अगले कदम पर टिकी सबकी निगाहें

गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश में खाली हो रही 12 सीटों में से 6 पर सपा, 3 पर बसपा और 3 सीटों पर भाजपा का कब्जा रहा है. दस सीटों पर जीत पक्की होने के बाद भाजपा की ओर से 11वां उम्मीदवार उतारे जाने को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे है. माना जा रहा है कि ग्यारहवें उम्मीदवार के लिए भाजपा के पास संख्या बल नहीं है. ऐसे में भाजपा राज्यसभा चुनाव की तरह बसपा को वॉकओवर देगी, या इस सीट पर मायावती को सपोर्ट करेंगी. वहीं, दूसरे दलों और निर्दलीयों के सहारे सपा अपना दूसरा उम्मीदवार खड़ा करेगी.

जानें सियासी समीकरण

उत्तर प्रदेश में एक एमएलसी सीट जिताने के लिए करीब 32 वोट की जरूरत पड़ेगी. इस लिहाज से भाजपा के हिस्से में दस सीटें तय मानी जा रही है. वहीं एक सीट पर जीत पक्की होने के साथ ही पार्टी के पास 16 वोट बच जाएंगे. बताया जा रहा है कि सपा ने तय कर लिया है कि वह बसपा के साथ ही दूसरे दलों के कुछ असंतुष्ट विधायकों का समर्थन हासिल कर अपनी सीट जीत पक्की कर लेगी.

बसपा की स्थिति

बसपा के 18 विधायक हैं. इनमें से छह बागी हो चुके हैं. वहीं, एक विधायक को पार्टी बदलने के कारण नोटिस जारी किया जा चुका है. साथ ही मुख्तार अंसारी जेल में बंद है और इनके वोट देने संशय की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में बसपा के लिए एक सीट जीतना आसान नहीं दिख रहा है. इससे मामले पर बसपा सुप्रीमो मायावती राज्यसभा चुनाव के दौरान ही कह चुकी हैं कि एमएलसी चुनाव में अगर सपा को हराने के लिए भाजपा को समर्थन करना पड़ा तो पार्टी ऐसा कर सकती है.

विधानसभा में दलों की स्थिति

भाजपा – 309 सदस्य
सपा – 48 सदस्य
बसपा – 18 सदस्य
अपना दल (एस) – 9 सदस्य
कांग्रेस – 7 सदस्य
सुभासपा – 4 सदस्य
निर्दलीय – 3
आरएलडी – 1
अपना दल – 1

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