Lucknow News: UP और बिहार के बीच गांवों की अदला-बदली जल्द, केंद्र से अनुमति मिलते ही बदल जाएगी किस्मत

यूपी और बिहार सरकार आपसी सहमति के बाद केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेज रही हैं. ये प्रस्ताव दोनों राज्यों के सात-सात गांव की अदला-बदली को लेकर है.

By Prabhat Khabar Print Desk | November 27, 2021 11:51 AM

Lucknow News: उत्तर प्रदेश से सटे बिहार राज्य के सात गांव जल्द ही यूपी के होने जा हैं, जबकि यूपी के सात गांव बिहार में शामिल हो जाएंगे. दरअसल, दोनों राज्य सरकार आपसी सहमति के बाद ये प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज रही हैं. केंद्र से इजाजत मिलने के बाद चिंन्हित सात-सात गांव की अदला-बदली हो जाएगी.

प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश

दोरों राज्यों के बीच गांवों की अदला-बदली को लेकर तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त ने जिलाधिकारी कुंदन कुमार को पत्र भेज कर यूपी से सटे बिहार के सात गांवों का प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है.

होगा कई समस्याओं का समाधान

आयुक्त ने पत्र में कहा है कि, बिहारी के मंझरिया, मझरिया खास, श्रीपतनगर, नैनहा, भैसही और कतकी और गंडक पार के पिपरासी प्रखंड का बैरी स्थान जाने के लिए यूपी में प्रवेश करना पड़ता है. ऐसे में कई अन्य समस्याओं के साथ प्रशासनिक दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है. इसके अलावा किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा की स्थिति में समय रहते मदद नहीं पहुंचती.

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यूपी के इन गांव का भेजा जाएगा प्रस्ताव

आयुक्त ने पत्र में यूपी का जिक्र करते हुए कहा कि, प्रदेश के नरसिंहपुर, शिवपुर, कुशीनगर जिले के मरछहवा, बालगोविंद, हरिहरपुर, नरैनापुर, बसंतपुर गांव का है. ये गांव बिहार के बगहा जिले से सटे हैं. इन गावों में प्रवेश के लिए प्रशासन को नेपाल और बिहार की सीमा से होकर जाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि, दोनों राज्यों के गांवों की अदला-बदली से न सिर्फ समय की बचत होगी बल्कि विकास कार्य भी तेजी से किए जा सकेंगे. आयुक्त ने इसको लेकर भी जिलाधिकारी को भूमि का प्रस्ताव तैयार कर भेजने को कहा है.

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ग्रामीण और प्रशासन दोनों को मिलेगी राहत

दरअसल, पड़ोसी राज्य से सटे इन ग्रामीणों को आवागन की परेशानी तो रहती ही है. इसके अलावा दोनों राज्यों के किसानों के बीच भूमि विवाद की समस्या से प्रशासन को भी कामी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीण लंबे समय से इस अदला-बदली की मांग कर रहे थे, लेकिन अब जब प्रशासन की ओर से ही ये फैसला ले लिया गया है, तो ग्रामीणों के चेहरे खुशी से खिल उठे हैं. केंद्र सरकार का अनुमोदन मिलते ही यह प्रकिया पूरी हो जाएगी.

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