सरकारी विभागों में फैले भ्रष्टाचार की पोल खोलती है ‘जांच पड़ताल’, छूटा अफसरों का पसीना, देखें Photos

लखनऊ के बीएम शाह प्रेक्षागृह में नाटक 'जांच पड़ताल' का मंचन किया गया. यह नाटक सरकारी विभागों में फैले भ्रष्टाचार की पोल खोलती है. इस नाटक का मंचन सृजन शक्ति वेलफेयर सोसाइटी ने संस्कृति विभाग के सहयोग से किया.

By Prabhat Khabar | March 20, 2022 9:22 PM
undefined
सरकारी विभागों में फैले भ्रष्टाचार की पोल खोलती है 'जांच पड़ताल', छूटा अफसरों का पसीना, देखें photos 7

Lucknow News: सृजन शक्ति वेलफेयर सोसाइटी ने संस्कृति विभाग के सहयोग से नाटक बीएम शाह प्रेक्षागृह, भारतेंदु नाट्य अकादमी में नाटक ‘जांच पड़ताल’ का मंचन कराया. इस अनुकृति रंगमडल कानपुर के कलाकारों ने हिस्सा लिया. यह जानकारी सोसाइटी के महासचिव व कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. सीमा मोदी ने दी.

सरकारी विभागों में फैले भ्रष्टाचार की पोल खोलती है 'जांच पड़ताल', छूटा अफसरों का पसीना, देखें photos 8

नाटक में दिखलाया गया कि एक छोटे से शहर में सिर से नख तक हर सरकारी विभाग में भ्रष्टाचार व्याप्त है. वहां के मेयर गजेन्दर बाबू (महेन्द्र धुरिया) को एक दिन खबर मिलती है कि केन्द्र ने राज्य की जांच पड़ताल के लिए उच्चधिकारों से लैस एक वरिष्ठ अधिकारी को नियुक्त किया है. मेयर साहब की इमरजेंसी मीटिंग में मैजिस्ट्रेट संकटा प्रसाद (दीपक राज राही), सिविल सर्जन (तुषार पांडेय), स्कूल इंस्पेक्टर (सुरेश श्रीवास्तव), पोस्टमास्टर (दिलीप सिंह) व कोतवाल (नरेन्द्र) आदि सभी अफसर इस दिन बुलायी मुसीबत से निजात पाने के उपाय खोजते हैं.

सरकारी विभागों में फैले भ्रष्टाचार की पोल खोलती है 'जांच पड़ताल', छूटा अफसरों का पसीना, देखें photos 9

संयोग से इसी दौरान एक होटल में दिल्ली से आये एक युवक कुमार को यह भ्रष्ट अफसर जांच अधिकारी समझ बैठते हैं. मेयर साहब खुद एवं अपने अफसरान को बचाने की नियत से इस युवक कुमार (विजयभान) को मेहमान बना कर होटल से अपने घर ले आते हैं. मेयर की दूसरी पत्नी इमरती देवी (शुभी मेहरोत्रा) और उनकी पहली पत्नी की बेटी बेबी (दीपिका सिंह) के बीच कुमार को पटाने की होड़ लगी है. अफसरों के भ्रष्ट आचरण से बुरी तरह परेशान व्यापारी भी कुमार से शिकायत करने पहुंचते हैं.

सरकारी विभागों में फैले भ्रष्टाचार की पोल खोलती है 'जांच पड़ताल', छूटा अफसरों का पसीना, देखें photos 10

बीच-बीच में मेयर के विदूषक सरीखे सेवक गोबर सिंह (विकास राय), झूलन (अलख त्रिपाठी), लोटा प्रसाद (आकाश शर्मा) व चिलमची मियां (राघव प्रजापति) अनायस ही दर्शकों को ठहाके लगाने को विवश करते हैं. मेयर, उनके अफसरों और व्यापारियों से लबी रकम वसूल के बाद कुमार जब रफूचक्कर हो जाता है, तब कहीं यह राज खुलता है कि वह (कुमार) जांच अधिकारी नहीं एक साधारण युवक था. तभी सर्किट हाउस का चपरासी मेयर साहब के बंगले पहुंच कर बताता है कि केन्द्र से भेजा गया सचमुच का जांच अधिकारी यहां पहुंच चुका है .सभी प्रमुख कलाकारों के साथ ही राजाराम राही, महेश चंद्र, विजय भास्कर, शिवेन्द्र त्रिवेदी ने भी नाटक में अभिनय किया.

सरकारी विभागों में फैले भ्रष्टाचार की पोल खोलती है 'जांच पड़ताल', छूटा अफसरों का पसीना, देखें photos 11

प्रसिद्ध रूसी लेखक निकोलई वैसलीविच गोगोल के प्रसिद्ध नाटक द गवर्नमेंट इंस्पेक्टर पर आधारित और संजय सहाय द्वारा हिन्दी में रूपांतरित इस नाटक का निर्देशन कृष्णा सक्सेना ने किया, जबकि सह निर्देशन, संगीत डॉ. ओमेन्द्र कुमार का था. मुख्य अतिथि भदन्त शक्ति मिश्र अध्यक्ष अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्थान उतर प्रदेश सरकार और महेन्द्र मोदी, डीजी पुलिस विशेष जांच उत्तर प्रदेश के साथ वरिष्ठ रंगकर्मी सर्वश्री आतमजीत सूर्यमोहन कुलश्रेष्ठ, के के अग्रवाल और अचला बोस रहे.

सरकारी विभागों में फैले भ्रष्टाचार की पोल खोलती है 'जांच पड़ताल', छूटा अफसरों का पसीना, देखें photos 12

संस्था के सहयोग में अध्यक्ष बी एन ओझा , सदस्य सौम्या मोदी, नवनीत मिश्रा, योगेश कुमार, आनन्द चतुर्वेदी, मोहनीश सिद्दीकी, रजत दीक्षित पीयूष सिंह रहे. मंच संचालन व कार्यक्रम संयोजिका डॉ सीमा मोदी का रहा.

Next Article

Exit mobile version