कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर बच्चों की सुरक्षा को लेकर UP में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस एंबुलेन्स तैनात

Coronavirus, Third wave, Ambulance : लखनऊ : कोरोना की लड़ाई में 'लाइफलाइन' साबित हुई राज्य सरकार की '108' और '102' एंबुलेन्स सेवाएं संभावित तीसरी लहर में बच्चों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से मुस्तैद हैं. एंबुलेन्स के स्टॉफ को प्रशिक्षित किया गया है कि विकट स्थितियां आने पर वो किसी प्रकार से बच्चों की मदद करेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 28, 2021 7:19 PM

लखनऊ : कोरोना की लड़ाई में ‘लाइफलाइन’ साबित हुई राज्य सरकार की ‘108’ और ‘102’ एंबुलेन्स सेवाएं संभावित तीसरी लहर में बच्चों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से मुस्तैद हैं. एंबुलेन्स के स्टॉफ को प्रशिक्षित किया गया है कि विकट स्थितियां आने पर वो किसी प्रकार से बच्चों की मदद करेंगे. उनके माता-पिता से संवेदनशील व्यवहार के लिए भी उनको प्रशिक्षण दिया गया है. एंबुलेन्स सेवाओं को बच्चों के उपचार के लिए सभी जीवनरक्षक उपकरणों से लैस किया गया है, जिससे उनको अस्पताल तक हुंचाने और इलाज दिलाने तक प्राथमिक उपचार दिया जा सके.

सतत निगरानी और कोविड प्रबंधन से कोरोना की पहली लहर पर विजय हासिल करनेवाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संक्रमण की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए पूर्व से ही तैयारियां पूरी कर ली हैं. राज्य में सभी 3011 पीएचसी, 855 सीएचसी और 592 शहरी पीएचसी को अलर्ट कर दिया गया है. 18 साल से कम उम्र के बच्चों को मेडिकल किट पहुंचाई जा रही है. इसके साथ ही प्रदेश में टीकाकरण अभियान को भी गति दी गयी है. अन्य प्रदेशों के मुकाबले तीन करोड़ से अधिक वैक्सीन की खुराक देनेवाला यूपी पहला प्रदेश बन गया है. सरकार ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को मुख्य मार्गों से जोड़ने के भी निर्देश दिये हैं.

कोरोना की संभावित तीसरी लहर से लड़ने के लिए 108, 102 और एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एंबुलेन्स की टीम सरकार के निर्देशों का पालन कर रही हैं. एंबुलेन्स में 24 घंटे इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशयन (ईएमटी) और पायलट की 23 हजार से अधिक लोगों की टीम दिन-रात काम में जुटी हैं. इनकी मदद से ग्रामीण और शहरी इलाकों में मरीजों को तत्काल नजदीकी अस्पतालों तक इलाज के लिए पहुंचाया जा रहा है. प्रदेश में यूपी में 108, 102 और एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) की 137 एंबुलेन्स कोविड ड्यूटी में लगायी गयी थीं. तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए इनकी तैनाती विभिन्न जिलों में की गयी है. 108 टोल फ्री नंबर पर फोन करके सेवा का लाभ ले सकते हैं.

एनएमएमयू भी संभावित चुनौतियों से निबटने को तैयार

यूपी के 53 जिलों में कार्य कर रहीं 170 नेशनल मोबाईल मेडिकल यूनिट (एनएमएमयू) को भी अलर्ट किया गया है. इस यूनिट में एक वरिष्ठ चिकित्सक के साथ एक फार्मासिस्ट, एक लैब टेक्नीशियन और एक स्टॉफ नर्स हर समय मौजूद रहती हैं. इनमे मौजूद जीवन रक्षक उपकरणों में नेब्यूलॉईजर, इलेक्ट्रिक नीडिलडिस्ट्रायर, ईसीजी मशीन, एंबु बैग, सेमी ऑटोमेटिक बायोकेमेस्ट्री एनेलाईजर, आटोस्कोप, टोनोमीटर, ग्लूकोमीटर, स्टेलाइज़र, व्यू बॉक्स, ड्रेसिंग ड्रम, आपथेल्मोस्कोप, सेंट्रीफ्यूज मशीन, लेरिंजोस्कोप, माइक्रो टाइपिंगसेंट्रीफ्यूज, हीमोग्लोबिन मीटर आदि प्रमुख हैं.

कोरोना की एंटीजन जांच, कोरोना वायरस के लक्षणों की जांच के लिए इसमें इंफ्रारेड थर्मामीटर भी रहता हे. इस वाहन के बाहरी हिस्से में एलईडी लगी है, जिस पर गांव-गांव योगी सरकार की लाभकारी योजनाओं का प्रचार भी किया जाता है.

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