मुलायम की सपा-कांग्रेस से नाराजगी का फायदा उठायेगा लोकदल

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव द्वारा सपा-कांग्रेस गठबंधन का खुला विरोध किये जाने से पैदा सूरतेहाल के बीच लोकदल इसमें अपने लिये सम्भावनाएं देख रहा है और उसे उम्मीद है कि मुलायम राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव में उसके प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करेंगे. लोकदल के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 1, 2017 12:50 PM

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव द्वारा सपा-कांग्रेस गठबंधन का खुला विरोध किये जाने से पैदा सूरतेहाल के बीच लोकदल इसमें अपने लिये सम्भावनाएं देख रहा है और उसे उम्मीद है कि मुलायम राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव में उसके प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करेंगे. लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने कहा कि हमें उम्मीद है कि नेताजी हमारे प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करेंगे.

लोकदल को आस

उन्होंने कहा कि वह हमारी पार्टी के साथ हैं. वह सच्चे समाजवादी हैं और हम अपने प्रचार अभियान के बैनर, पोस्टर में उनकी फोटो का इस्तेमाल कर रहे हैं. इटावा की जसवन्तनगर सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव द्वारा चुनाव परिणाम आने के बाद अपनी नई पार्टी बनाये जाने के एलान के बारे में पूछे जाने पर लोकदल अध्यक्ष ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि हम साथ-साथ रहेंगे. सुनील सिंह की उम्मीदों को इस बात से भी बल मिला है, कि सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने सपा-कांग्रेस गठबंधन पर नाराजगी जाहिर करते हुए उसके प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार नहीं करने का फैसला किया था. साथ ही अपने कार्यकर्ताओं से कांग्रेस को हराने का आह्वान भी किया था.

मुलायम नाराज

मालूम हो कि सपा में सत्तासंघर्ष के तहत उसके चुनाव निशान साइकिल को लेकर चुनाव आयोग में सुनवाई के दौरान यह चिह्न फ्रीज होने की आशंकाओं के बीच लोकदल ने मुलायम के सामने अपने चुनाव निशान पर प्रत्याशी खड़े करने की पेशकश की थी. खेत जोतता किसान’ लोकदल का चुनाव निशान है, और चौधरी चरण सिंह इस पर चुनाव लड़कर मुख्यमंत्री बने थे. यह पार्टी इस बार भी विधानसभा चुनाव लड़ रही है और उसने अपने 100 प्रत्याशियों का चयन कर लिया है.

तीन सौ सीटों पर चुनाव लड़ेगा लोकदल

लोकदल ने वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में राज्य की 403 में से 76 सीटों पर चुनाव लड़ा था. हालांकि उसका कोई उम्मीदवार जीत नहीं सका था, मगर ज्यादातर सीटों पर इस पार्टी को पांच हजार से 15 हजार तक वोट मिले थे. लोकदल ने इस बार विधानसभा चुनाव में करीब 300 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है और सपा द्वारा टिकट कटने से नाराज 25-30 विधायक भी उसकी तरफ से मैदान में उतर सकते हैं. आगामी दो फरवरी को अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करने जा रहे लोकदल अध्यक्ष सुनील सिंह ने कहा कि हमने ऐसे अनेक मौजूदा विधायकों को टिकट दिया है जो मुलायम तथा शिवपाल के करीबी हैं और उन्हें सपा से टिकट नहीं मिला है. हमें उम्मीद है कि 25-30 मौजूदा विधायक हमारी पार्टी से चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि वह अपने प्रत्याशियों के लिये सघन प्रचार अभियान चलाएंगे और उन्हें उम्मीद है कि इस बार जनता उनके उम्मीदवारों को जिताएगी.

आर-पार की लड़ाई के मूड में कार्यकर्ता

सपा पर हक की लडाई में चुनाव आयोग की अदालत से जीत हासिल होने के बाद अखिलेश ने अपनी सूझबूझ से काम किया और इस कवायद में मुलायम और शिवपाल के कई करीबियों के टिकट कट गये हैं. इससे ना सिर्फ ये क्षत्रप बेहद खफा हैं बल्कि उनके कार्यकर्ता भी आरपार की लड़ाई की मुद्रा में आ रहे हैं. लोकदल इसी में अपने लिये संभावनाएं देख रहा है

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