यूपी चुनाव : क्या अपर्णा यादव की महत्वाकांक्षा को तरजीह देंगे अखिलेश?

लखनऊ : सपा में जारी घमासान अब कमजोर पड़ गया है, लेकिन ‘लखनऊ कैंट’ विधानसभा सीट को लेकर पार्टी में अब भी रार चल रहा है. मुलायम सिंह यादव इस सीट से अपनी दूसरी बहू अपर्णा यादव को टिकट देना चाहते हैं. उन्होंने पार्टी में जारी घमासान के बीच जब अपने प्रत्याशियों की सूची जारी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 23, 2017 12:13 PM

लखनऊ : सपा में जारी घमासान अब कमजोर पड़ गया है, लेकिन ‘लखनऊ कैंट’ विधानसभा सीट को लेकर पार्टी में अब भी रार चल रहा है. मुलायम सिंह यादव इस सीट से अपनी दूसरी बहू अपर्णा यादव को टिकट देना चाहते हैं. उन्होंने पार्टी में जारी घमासान के बीच जब अपने प्रत्याशियों की सूची जारी की थी, तो लखनऊ कैंट से अपर्णा यादव का नाम सूची में था. लेकिन अभी अखिलेश यादव ने लखनऊ कैंट सीट को लेकर कुछ स्पष्ट नहीं किया है.

अखिलेश नहीं चाहते अपर्णा को टिकट देना
अपर्णा यादव, मुलायम सिंह यादव के दूसरे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं. प्रतीक यादव, साधना गुप्ता और मुलायम सिंह यादव के पुत्र हैं. अपर्णा यादव महत्वाकांक्षी हैं और राजनीति में इंट्री चाहती हैं. उन्हें मुलायम सिंह यादव की विरासत में जगह में चाहिए. लेकिन अखिलेश यादव यह नहीं चाहते हैं कि उनकी पार्टी में सत्ता के केंद्र विभाजित हों, यही कारण है कि उन्होंने वर्ष 2014 में प्रतीक यादव के लोकसभा चुनाव लड़ने का विरोध किया था, जबकि साधना गुप्ता और अपर्णा यादव प्रतीक को राजनीति में उतारना चाहती थीं. अब देखना यह है कि क्या अखिलेश अपर्णा को टिकट देंगे, अगर वे ऐसा करते हैं, तो इसका यह अर्थ होगा कि वे अपने पिता की पसंद को सम्मान दे रहे हैं, हालांकि अखिलेश-शिवपाल के झगड़े में अपर्णा शिवपाल की तरफ खड़ीं थीं.
कठिन है अपर्णा यादव की डगर
लखनऊ कैंट सीट से पिछले चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रीता बहुगुणा को जीत मिली थी, इस चुनाव में वे भाजपा के साथ हैं. रीता की यह ख्वाहिश थी कि कांग्रेस उन्हें ‘सीएम कैंडिडेट’ के रूप में पेश करे, लेकिन पार्टी ने शीला दीक्षित को उम्मीदवार घोषित कर दिया था, जिसके बाद रीता ने भाजपा ज्वाइन कर लिया था. रीता इस सीट से अभी भी सशक्त उम्मीदवार हैं, जबकि अपर्णा के लिए यहां कठिन चुनौती है. इस सीट पर सपा कमजोर है. ऐसे में अगर उन्हें टिकट मिल भी जाता है, तो वे कितना सफल होंगी, यह तो समय ही बतायेगा. लेकिन अपर्णा को उम्मीद है कि उन्हें इस सीट से टिकट मिलेगी और वे अपनी पार्टी को जीत दिलायेंगी.

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