शक्ति प्रदर्शन की तैयारियों में जुटे ‘समाजवादी कुनबे” के खेमे

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के ‘समाजवादी कुनबे’ में वर्चस्व की जंग चरम पर पहुंचने के बाद अब दोनों धडे शक्ति प्रदर्शन की तैयारियों में जुटे हैं और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जहां तीन नवंबर को ‘रथ यात्रा’ निकालने जा रहे हैं, वहीं उनके प्रतिद्वंद्वी के तौर पर देखे जा रहे उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव पांच […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 1, 2016 7:10 PM

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के ‘समाजवादी कुनबे’ में वर्चस्व की जंग चरम पर पहुंचने के बाद अब दोनों धडे शक्ति प्रदर्शन की तैयारियों में जुटे हैं और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जहां तीन नवंबर को ‘रथ यात्रा’ निकालने जा रहे हैं, वहीं उनके प्रतिद्वंद्वी के तौर पर देखे जा रहे उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव पांच नवंबर को सपा के रजत जयंती समारोह को ‘मेगा पोलिटिकल शो’ बनाने की तैयारियों में पूरा जोर लगा रहे हैं.

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके चाचा सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव इन दोनों कार्यक्रमों को पार्टी कार्यक्रमों के रुप में पेश कर रहे हैं लेकिन राजनीतिक प्रेक्षकों के मुताबिक दोनों ही कार्यक्रमों की तैयारियों में जुटे नेताओं और कार्यकर्ताओं के रख और मिजाज को देखकर लगता है कि सपा के दोनों धडे अपने-अपने कार्यक्रम पर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिये पार्टी की रणभेरी का ठप्पा लगवाने की होड़ में हैं.

अखिलेश अपनी ‘विकास से विजय तक रथ यात्रा’ की शुरआत आगामी तीन नवंबर को लखनऊ से करेंगे. इसके लिये दफ्तर से लेकर घर तक की तमाम जरुरतों को पूरा करने की सुविधाओं वाला एक बसनुमा रथ बनाया गया है जिसे आज मीडिया के सामने लाया गया.

सपा सूत्रों के मुताबिक अखिलेश के काफिले में पांच हजार से ज्यादा चारपहिया वाहन होंगे. इस दौरान जनता को यह संदेश देने की कोशिश की जाएगी कि अखिलेश सपा के चेहरे के तौर पर सबसे ज्यादा स्वीकार्य हैं.

मुख्यमंत्री के खेमे के नेता इस रथयात्रा को भव्य और जोरदार बनाने की तैयारियों में जी-जान से जुटे हैं. इन नेताओं में हाल में सपा से निष्कासित नेता भी शामिल हैं. मुख्यमंत्री के एक समर्थक का कहना है कि रथयात्रा दरअसल शक्ति का प्रदर्शन होगी. वह सपा मुखिया को यह दिखाना चाहते हैं कि अखिलेश ही सपा के सबसे लोकप्रिय नेता हैं.

शिवपाल ने सपा की तरफ से जदयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद, जनता दल (एस) के प्रमुख एचडी देवेगौडा, राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजित सिंह समेत सभी लोहियावादियों और चरणसिंहवादियों को पांच नवम्बर को पार्टी के रजत जयन्ती समारोह में शिरकत का न्यौता दिया है.

परिवार में कलह के सार्वजनिक होने के बाद सपा के दोनों खेेमे अब इस अध्याय को फिलहाल बंद करने की कोशिश में हैं. शिवपाल ने अब पूरी तरह चुनाव को ध्यान में रखते हुए साम्प्रदायिक ताकतों के खिलाफ ‘मोर्चा’ बनाने की कवायद शुरु कर दी है. बहरहाल, सत्तारुढ दल के दो बडे कार्यक्रमों के पूर्ण प्रचार के लिये लखनउ शहर को अभी से बैनरों और पोस्टरों से पाट दिया गया है.

अखिलेश और शिवपाल के बीच तल्खी गत जून में कौमी एकता दल के सपा में विलय के मसले को लेकर पहली बार सामने आयी थी. उसके बाद अलग-अलग मौकों पर यह कड़वाहट और बढ़ती गयी.