अफजाल अंसारी ने कहा, पूर्वांचल में सपा को उसकी औक़ात दिखा दूंगा

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजनीति विधानसभा चुनाव के लगभग एक साल पहले ही गरम हो चुकी है. समाजवादी पार्टी में विलय के कुछ ही घंटों के बाद बाह का रास्ता दिखा देने से खफा कौमी एकता दल के नेता और मुख्तार अंसारी के भाई अफजल अंसारी ने मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव पर करारा प्रहार करते […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 28, 2016 1:41 PM

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजनीति विधानसभा चुनाव के लगभग एक साल पहले ही गरम हो चुकी है. समाजवादी पार्टी में विलय के कुछ ही घंटों के बाद बाह का रास्ता दिखा देने से खफा कौमी एकता दल के नेता और मुख्तार अंसारी के भाई अफजल अंसारी ने मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि सूबे के मुखिया अपनी नाकामी छिपा रहे हैं. प्रदेश में जनता के पैसे की लूट हो रही है जिसका हिसाब जनता आगामी चुनाव में लेगी.

अफजाल अंसारी ने कहा कि पूर्वांचल में सपा की क्या औक़ात है, इसका आभास करवा दूंगा.

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री और सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने कौमी एकता दल के विलय में अहम भूमिका निभाई थी जिसमें पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव की भी हामी थी लेकिन इस फैसले से अखिलेश यादव काफी नाराज थे जिसके कारण कौमी एकता दल का विलय समाजवादी पार्टी में नहीं हो सका.

इस घटनाक्रम के बाद शिवपाल और अखिलेश के रिश्‍तों में खटास की खबरे आई हालांकि इस खबर का खुद शिवपाल यादव ने खंडन किया है. एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं के सवाल के जवाब में उन्होंने सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री योजनाबद्ध तरीके से सही दिशा में काम कर रहे हैं. कोई भी निर्णय लिया जाता है तो कैबिनेट के सभी सदस्य सामूहिक रूप से उसके लिए जिम्मेदार होते हैं. हमारी पार्टी में अपराधियों के लिए कोई स्थान नहीं है. उन्होंने कहा कि जहां तक मुख्तार अंसारी का सवाल है हमारी पार्टी ने उन्हें कभी शामिल नहीं किया था.

उन्होंने कहा कि हमने केवल अफजल अंसारी और उनके विधायक भाई सिग्बतुल्लाह अंसारी को पार्टी में शामिल किया था. मगर यह सब मीडिया का खेल है, जिन्होंने यह न दिखाते हुए केवल मुख्तार अंसारी का ही नाम उछाला. मैं मीडिया से कहना चाहता हूं कि आपराधिक तत्वों को महत्व ना दें. उल्लेखनीस है कि पिछले हफ्ते कौमी एकता दल के सपा में विलय की घोषणा करने वाले शिवपाल सोमवार को अखिलेश मंत्रिपरिषद के विस्तार समारोह में उपस्थित नहीं हुए थे. इसे राजनीतिक हलकों में उनकी नाराजगी के रूप में देखा जा रहा था. वे उस समय इटावा में विकास कार्यो की समीक्षा के कार्यक्रम के लिए गये हुए थे.

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