बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

अयोध्या : बजरंग दल द्वारा एक शिविर आयोजित किये जाने के बाद इस भगवा संगठन के 50 कार्यकर्ताओं के खिलाफ शांति एवं सांप्रदायिक सौहार्द में खलल डालने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है. शिविर में कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर राइफल, तलवार और लाठी-डंडे लहराये थे. प्राथमिकी बीती रात अयोध्या कोतवाली थाने में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 25, 2016 4:14 PM

अयोध्या : बजरंग दल द्वारा एक शिविर आयोजित किये जाने के बाद इस भगवा संगठन के 50 कार्यकर्ताओं के खिलाफ शांति एवं सांप्रदायिक सौहार्द में खलल डालने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है. शिविर में कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर राइफल, तलवार और लाठी-डंडे लहराये थे. प्राथमिकी बीती रात अयोध्या कोतवाली थाने में दर्ज की गई.

पुलिस अधिकारी ने दी जानकारी

फैजाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मोहित गुप्ता ने बताया कि अयोध्या में बजरंग दल द्वारा 10 मई को गैर कानूनी गतिविधियां किए जाने का संज्ञान लेते हुए फैजाबाद पुलिस ने शांति, कानून व्यवस्था की स्थिति और सांप्रदायिक सौहार्द में खलल डालने के आरोप में भगवा दल के 50 पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. दक्षिणपंथी संगठन ने अपने कार्यकर्ताओं को हथियारों का प्रशिक्षण देने के लिए अयोध्या में एक ‘आत्मरक्षा’ शिविर का आयोजन किया था.

हथियारों के साथ कर रहे थे ट्रेनिंग

बजरंग दल द्वारा संचालित कुछ स्कूलों में भगवा कैडरों की राइफल, तलवार और लाठी-डंडे भॉंजने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थीं और इन्हें समाचार चैनलों पर भी दिखाया गया था. विश्व हिन्दू परिषद :विहिप: की युवा इकाई बजरंग दल के सूत्रों ने बताया कि अयोध्या में आयोजन के बाद यह वार्षिक ‘आत्म रक्षा’ शिविर अब सुल्तानपुर, गोरखपुर, पीलीभीत, नोएडा और फतेहपुर में आयोजित होना है.

संगठन ने किया बचाव

संगठन ने शिविर का यह कहकर बचाव किया है कि युवाओं के मन में राष्ट्रवादी भावना उत्पन्न करने के लिए यह प्रशिक्षण आयोजित किया गया. विहिप नेता रवि अनंत ने कहा कि बजरंग दल में, ये सभी गतिविधियां चरित्र निर्माण तथा युवाओं के मन में राष्ट्रवादी भावना उत्पन्न करने के लिए की जाती हैं. कई तरह के कार्यक्रम हैं, कुछ शरीर को चुस्त-दुरस्त रखने के लिए हैं, तो कुछ मस्तिष्क को चुस्त-दुरस्त रखने के लिए हैं. उन्होंने कहा कि पुरुषों को हम रक्षा करने तथा महिलाओं की सहायता करने के लिए प्रशिक्षित करते हैं. अन्य समुदायों का भी इसमें स्वागत है.’

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