शिवपाल पर अखिलेश नरम, सदस्यता समाप्त करने की याचिका ले सकते हैं वापस

लखनऊ : समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को अपने चाचा और जसवंतनगर से पार्टी विधायक शिवपाल सिंह यादव की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने की याचिका वापस लेने के संकेत दिये. अखिलेश ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व में पार्टी से बगावत करने वाले तत्कालीन राज्यसभा सदस्य अमर सिंह और विधायक नितिन […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 20, 2019 8:14 PM

लखनऊ : समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को अपने चाचा और जसवंतनगर से पार्टी विधायक शिवपाल सिंह यादव की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने की याचिका वापस लेने के संकेत दिये.

अखिलेश ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व में पार्टी से बगावत करने वाले तत्कालीन राज्यसभा सदस्य अमर सिंह और विधायक नितिन अग्रवाल की सदस्यता समाप्त करने की याचिका नहीं दिये जाने संबंधी सवाल पर कहा, ‘हम सबकी सिफारिश वापस ले लेंगे. संतुष्ट! आप कह रहे हैं कि हमने उनके खिलाफ नहीं किया, तो हम सबकी वापस ले लेंगे. अखिलेश ने एक अन्य सवाल पर कहा कि उनकी पार्टी के दरवाजे सबके लिए खुले हैं. जो आना चाहे, हम उसे आंख बंद करके पार्टी में शामिल कर लेंगे. विधानसभा में सपा और विपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी ने गत चार सितंबर को शिवपाल की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने की अर्जी दी थी. जसवंत नगर सीट से सपा विधायक शिवपाल ने अखिलेश से तल्खी के बाद सपा से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन किया था और पिछले लोकसभा चुनाव में सपा के खिलाफ कई जगह प्रत्याशी भी उतारे थे. हालांकि उन्हें कोई सफलता नहीं मिली थी.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को डराने की राजनीति का जरिया करार देते हुए कहा कि अगर उत्तर प्रदेश में एनआरसी की कार्रवाई की गयी तो सबसे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रदेश छोड़ना पड़ेगा. वह तो उत्तराखंड के मूल निवासी हैं. हमारे लिए तो आप यह अच्छी खबर बता रहे हैं. उन्होंने कहा, एनआरसी केवल डराने की राजनीति है. पहले ‘बांटो और राज करो’ होता था. अब डर की राजनीति हो रही है. हमने बांटने वालों को तो भगा दिया. अब हम सब मिलकर जनता को समझायेंगे तब ये डराने वाले लोग भी सरकार से हट जायेंगे. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे से कश्मीर के हालात को जोड़ते हुए कहा, सवाल यह है कि कश्मीर में घरों में बीमारों को इलाज मिल रहा है या नहीं? बच्चे स्कूल जा रहे हैं या नहीं, उन्हें सबकुछ मिल रहा है या नहीं? सरकार कह रही है कि हालात सामान्य हैं. अगर वाकई सामान्य हैं तो वहां इतनी बंदिशें क्यों हैं?

उन्होंने कहा कि भाजपा पाकिस्तान का नाम लेकर वोट मांगती है और उसी पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने हवाई क्षेत्र से उड़ान की इजाजत नहीं दी. पाकिस्तान से ज्यादा तो चीन से खतरा है, इसलिए सीमाओं को सुरक्षित करना जरूरी है. अखिलेश ने वर्ष 2016 में हुई नोटबंदी के दौरान एक बैंक के बाहर लगी कतार में जन्मे बच्चे खजांची का जिक्र करते हुए कहा कि वह पंजाब नेशनल बैंक और भारतीय रिजर्व बैंक के बड़े अफसरों से अपील करते हैं कि वे उस बच्चे को गोद ले लें. उन्होंने कहा कि सपेरा समाज से ताल्लुक रखने वाले खजांची और उसके परिवार के पास खाने तक को नहीं है. इस समाज के लोग आज भी भीख मांगकर खाना खाते हैं. मैं पीएनबी के अफसरों से कहूंगा कि सीएसआर के पैसे से इसका घर बनवायें और 10 हजार रुपये महीना दें. नहीं तो आरबीआई दे.

अखिलेश ने सपा के वरिष्ठ नेता एवं रामपुर से सांसद आजम खां के खिलाफ दर्ज हो रहे मुकदमों को अन्याय करार देते हुए कहा कि जिन लोगों की तहरीर पर मुकदमे दर्ज हो रहे हैं, वे नौ साल तक क्यों चुप रहे. अचानक किसका दबाव आया? सरकार ढाई साल से सत्ता में है. पहले ये मुकदमे क्यों नहीं दर्ज हुए. चूंकि आजम ने विश्वविद्यालय बना दिया, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई हो रही है. इस मौके पर बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दयाराम पाल अपने अनेक समर्थकों के साथ सपा में शामिल हो गये. अखिलेश ने उनका स्वागत करते हुए कहा कि अब उत्तर प्रदेश सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गयी है.

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