छह महीने में रकम दोगुना करने के नाम पर निवेशकों ने किया इन्वेस्टमेंट, लाखों रुपये लेकर फरार हो गयी कंपनी

मथुरा : उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में कम समय में रकम दोगुनी करने का लालच देकर निवेशकों को आकर्षित करने वाली एक और नॉन बैंकिंग फाइनांस एंड रियल एस्टेट कंपनी लाखों रुपये लेकर भाग गयी है. इस घटना के बाद निवेशकों ने कल्पबट रियल एस्टेट कंपनी के सीएमडी एवं चार डायरेक्टरों के खिलाफ धोखाधड़ी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 10, 2019 6:47 PM

मथुरा : उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में कम समय में रकम दोगुनी करने का लालच देकर निवेशकों को आकर्षित करने वाली एक और नॉन बैंकिंग फाइनांस एंड रियल एस्टेट कंपनी लाखों रुपये लेकर भाग गयी है. इस घटना के बाद निवेशकों ने कल्पबट रियल एस्टेट कंपनी के सीएमडी एवं चार डायरेक्टरों के खिलाफ धोखाधड़ी व अमानत में खयानत का मुकदमा दर्ज कराया है.

इसे भी देखें : चिटफंड कंपनी मामला: पैसा डूबने की आशंका से परेशान हैं निवेशक

पुलिस में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार, हाईवे थाना क्षेत्र के लाजपत नगर, पूनम विहार निवासी भानुप्रताप सिंह ने कल्पबट रियल एस्टेट कंपनी खोली थी. इसका कार्यालय जंक्शन रोड स्थित सौंख अड्डा पर पर खोला गया. कंपनी में भानुप्रताप सिंह की पत्नी गुड्डी देवी, मुरादाबाद के मेहंदी नगर निवासी श्रवण कुमार, विक्रम सिंह और रक्षपाल डायरेक्टर थे.

कंपनी ने निवेशकों से एकमुश्त निवेश पर रकम को छह महीने में दोगुना करने और किस्तों से जमा किये गये निवेश को साढ़े आठ साल में दोगुना करने का वादा किया था. इसके चलते गिरधरपुर निवासी पप्पन खान, अडींग निवासी सलीम, राधेश्याम कॉलोनी निवासी सुल्तान समेत कई अन्य लोगों ने गोवर्धन चैराहा स्थित कार्यालय पर 50 लाख रुपये का निवेश किया. करीब डेढ़ साल पहले कंपनी को बंद कर दिया गया था. तभी से पप्पन खान आदि निवेशक पैसा वापस लेने के लिए भानुप्रताप सिंह के पीछे घूम रहे हैं. उनकी धनराशि वापस नहीं की जा रही है.

रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने दोगुनी रकम मिलना तो दूर, उन्होंने निवेशकों को मूल रकम भी नहीं लौटायी. इसलिए पप्पन खान आदि ने कंपनी के चेयरमैन कम मैनेजिंग डायरेक्टर सहित पांचों निदेशकों के खिलाफ थाना हाईवे में नामजद रिपोर्ट करायी है. इससे पहले मथुरा की ही एक कंपनी कल्पतरु बिल्डटेक कॉरपोरेशन (केबीसीएल) के मालिक और निदेशक हजारों निवेशकों के सैकड़ों करोड़ रुपये लेकर फरार हैं.

इस मामले में उनके खिलाफ मथुरा, आगरा व ग्वालियर सहित अनेक नगरों में सौ से अधिक मुकदमे दर्ज किये जा चुके हैं तथा दिल्ली की एक अदालत द्वारा हाजिर न होने पर सेबी के एक मामले में सीएमडी जयकृष्ण सिंह राणा को भगोड़ा भी घोषित किया जा चुका है.

Next Article

Exit mobile version