UP फतह करने के लिए सपा ने कसी कमर, समय से पहले बुलायी कार्यकारिणी की बैठक

हरीश तिवारी@लखनऊ आगामी लोकसभा चुनाव के समय से पहले होने के कयासों को देखते हुए उत्तर प्रदेश में विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी समाजवादी पार्टी ने चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी हैं. ऐसा माना जा रहा है कि सपा बसपा के साथ चुनाव में गठबंधन करेगी. लिहाजा इसके लिए सपा ने अभी से तैयारियां […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 22, 2018 9:23 PM

हरीश तिवारी@लखनऊ

आगामी लोकसभा चुनाव के समय से पहले होने के कयासों को देखते हुए उत्तर प्रदेश में विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी समाजवादी पार्टी ने चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी हैं. ऐसा माना जा रहा है कि सपा बसपा के साथ चुनाव में गठबंधन करेगी. लिहाजा इसके लिए सपा ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं और इसके लिए सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक समय से पहले बुलायी है ताकि इसमें संभावित गठबंधन के लिए मोहर लग सके.

असल में लोकसभा चुनाव समय से पहले होने की आशंका के बीच समाजवादी पार्टी ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुला ली है. यह बैठक 28 जुलाई को लखनऊ स्थित सपा मुख्यालय में होगी. इस बार सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव और उनके अनुज शिवपाल सिंह यादव के भी शामिल होने की उम्मीद है. हालांकि अभी तक शिवपाल कार्यकारिणी के सदस्य नहीं हैं.

क्योंकि अखिलेश के सपा की कमान संभालते ही उन्होंने अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था. लेकिन पिछले कुछ समय से शिवपाल ने अपने हथियार अखिलेश के सामने डाल दिये हैं जिसके कारण दोनों के बीच रिश्तों में कड़वाहट कम हुई है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव नेतृत्व में गठित 55 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी में फिलहाल मुलायम सिंह यादव (नेताजी) और विधायक शिवपाल सिंह यादव का नाम शामिल नहीं है.

आगरा में हुए पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में मतभेद के कारण दोनों शामिल नहीं हुए थे. शिवपाल की रामगोपाल यादव साथ पिछले कुछ समय में रिश्तों तकरार कम हुई है और पिछले दिनों वह रामगोपाल यादव के जन्मदिन के मौके पर भी गये थे और जहां दोनों ने एक दूसरे को गले लगाया था. लिहाजा अब तय माना जा रहा है कि शिवपाल को पार्टी में कोई अहम पद दिया जा सकता है.

फिलहाल बैठक के मद्देनजर पार्टी के प्रमुख महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने कार्यकारिणी के पदाधिकारियों, सदस्यों और विशेष आमंत्रित सदस्यों को औपचारिक पत्र भेज दिया है. सपा के गठन के बाद यह पार्टी की 11वीं राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक होगी. इसमें लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी का बहुजन समाज पार्टी और समान विचारधारा वाली पार्टी कांग्रेस व रालोद के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन (प्री पोल) के साथ ही पार्टी प्रत्याशी चयन के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश को अधिकार सौंपा जा सकता है.

पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में बीते दिनों यूपी में लोकसभा की तीन में से दो और विधानसभा की एक सीट पर भाजपा को परास्त कर विजय हासिल करने के मद्दनेजर चर्चा होगी. बैठक में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यूपी के अलावा अन्य राज्यों में भी सपा उम्मीदवार लड़ाने पर विचार होने की उम्मीद है. यूपी में हुए लोकसभा उपचुनाव में जीत के बाद से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बसपा नेत्री मायावती के साथ रिश्ते बेहतर हुए हैं.

लिहाजा मायावती की तरफ से भी इस गठबंधन पर सहमति है, लेकिन इसकी घोषणा दोनों तरफ से नहीं हुई है. लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही दोनों के बीच गठबंधन को लेकर लिखित तौर पर समझौता हो सकता है.

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