लोकसभा चुनाव से पहले संतों की शरण में योगी आदित्यनाथ, जानें

हरीश तिवारीलखनऊ: प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक बार फिर अयोध्या में संतों की शरण में होंगे. योगी महंत नृत्यगोपाल दास के जन्मोत्सव समारोह में शामिल होने के लिए वहां जा रहे हैं. इसके जरिये संतों को लुभाने का प्रयास करेंगे क्योंकि कुंभ की अव्यवस्थाओं के लेकर संत समाज सरकार से नाराज है. लिहाजा लोकसभा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 25, 2018 3:10 PM

हरीश तिवारी
लखनऊ: प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक बार फिर अयोध्या में संतों की शरण में होंगे. योगी महंत नृत्यगोपाल दास के जन्मोत्सव समारोह में शामिल होने के लिए वहां जा रहे हैं. इसके जरिये संतों को लुभाने का प्रयास करेंगे क्योंकि कुंभ की अव्यवस्थाओं के लेकर संत समाज सरकार से नाराज है. लिहाजा लोकसभा चुनाव से पहले योगी के संतों खुश करने की कवायद काफी कारगर साबित हो सकती है.

बहरहाल तीर्थ स्थल के रूप में अयोध्या को नये तरीके से विकसित करने की उनकी योजना को लेकर संत समाज काफी खुश है. अयोध्या में सरयू महोत्सव के सालाना आयोजन के लिए योगी सरकार ने पिछले दिनों 10 लाख रुपये का बजट रखा था और पिछले साल रामलीला का आयोजन कर योगी ने काफी सुर्खियां बटोंरी थी. लिहाजा संत समाज भी योगी सरकार को समर्थन देने में पीछे नहीं. लेकिन संतों की असल नाराजगी अगले साल होने वाले कुंभ को लेकर है.

जहां प्रशासन अपनी के तहत काम कर रहा है और संतों की बात नहीं सुन रहा है. इसका विरोध संत समाज कई बार योगी के सामने उठा चुका है. फिलहाल योगी सरकार का पूरा ध्यान अयोध्या समेत राज्य के धार्मिक धर्मस्थलों को विकसित करना है.

राम जन्मोत्सव समारोह व सरयू महोत्सव का आमंत्रण देने आये संतों के साथ बातचीत में भी मुख्यमंत्री ने अयोध्या के विकास का संकल्प दोहराया था और विकास की अपनी रूपरेखा भी उनके सामने प्रस्तुत की थी. जानकारी के मुताबिक जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष एवं अयोध्या की मणिराम दास जी की छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास के जन्मोत्सव समारोह होने के साथ ही योगी स्वामी श्रीधराचार्य से मिलेंगे और सरयू आरती में शामिल होकर सरयू जयंती महोत्सव का उद्घाटन भी करेंगे.

योगी सरकार पिछले साल आयोजित अयोध्या में भव्य दीपोत्सव, सरयू आरती, चित्रकूट में मंदाकिनी की आरती, मथुरा में बरसाने की होली, ब्रज तीर्थ विकास परिषद के गठन तथा राम और कृष्ण सर्किट से जुड़े पर्यटन स्थलों का विकास कर रही है. इससे वह हिंदू वोटों को लुभाने का प्रयास कर रही है. क्योंकि अभी तक राममंदिर पर फैसला नहीं आया है. योगी सरकार अगले साल इलाहाबाद में होने कुंभ की पूरी विश्व में ब्रांडिंग कर रही है. जाहिर है इसका सीधा फायदा योगी सरकार को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में मिलेगा.

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