कानपुर आईआईटी ने कम लागत में स्वच्छ पेयजल के लिए लांच किया ‘शुद्धम’, जानें क्या है खासियत

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर ने ग्रामीण परिवारों और शहरी मध्यवर्गीय लोगों को किफायती और अभिनव समाधान प्रदान करने के लिए शुद्धम नामक एक जल शोधक-सह-कूलर उन्नत संस्करण के सफल विकास की घोषणा की है.

By Prabhat Khabar | May 15, 2023 2:21 PM

Kanpur : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर ने ग्रामीण परिवारों और शहरी मध्यवर्गीय लोगों को किफायती और अभिनव समाधान प्रदान करने के लिए शुद्धम नामक एक जल शोधक-सह-कूलर उन्नत संस्करण के सफल विकास की घोषणा की है. इस उत्पाद को इमेजिनियरिंग प्रयोगशाला आईआईटी (IIT) कानपुर द्वारा बनाया गया है.

जनता को सस्ती दरों पर जल शोधन और शीतल जल प्रदान करने की चुनौती का समाधान प्रस्तुत करने के लिए IIT कानपुर से उन्नत इंडिया टेक्नोलॉजी नामक कम्पनी ने संपर्क किया था. पहले शुद्धम के शुरुआती मॉडल को वाटर फिल्टर के रूप में विकसित किया था. आईआईटी कानपुर टीम ने अपनी विशेषज्ञता के साथ इस पर काम किया और इसे कम लागत वाले जल शोधक-सह-कूलर में सुधार किया है.

ये है शुद्धम कि दाम ओर फायदे

शुद्धम उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाए रखने में आसान और किफायती है और एक बार लॉन्च होने के बाद इसकी कीमत बाजार में लगभग 4000 रुपये होगी. शोधक बहु-स्तरीय शुद्धिकरण से गुजरते हुए पानी को ठंडा भी करता रहता है. इस सिस्टम का ऊपरी हिस्सा अशुद्ध पानी के लिए एक भंडारण टैंक है. जबकि निचला टैंक शुद्ध पानी के लिए एक रिजर्व टैंक है शुद्धिकरण के तीन चरण हैं. ठोस अशुद्धियों को हटाने के लिए पहले चरण में पानी एक कॉटन फिल्टर के माध्यम से गुजरता है.

इसके बाद सक्रिय कार्बन के साथ एक कार्ट्रिज के माध्यम से दुर्गंध और क्लोरीन को हटा दिया जाता है. सक्रिय कार्बन को इमेजिनियरिंग लेबोरेटरी आई आई टी कानपुर के अंतर्गत मेडटेक लैब में नारियल के गोले और “मित्रा” नामक एक हीटिंग भट्टी का उपयोग करके तैयार किया गया था. अगले चरण में आयन एक्सचेंज के लिए एक पॉलीमर मेम्ब्रेन का उपयोग किया जाता है.

जिसके बाद शुद्ध पानी को तब तांबे से बने निचले रिजर्व टैंक में संग्रहित किया जाता है जो तांबे की विशेषता को फैलाता है और पानी में औषधीय गुण जोड़ता है. दोनों टैंकों को एक मिट्टी के बर्तन में रखा गया है जो प्राकृतिक शीतलन प्रदान करता है, और एक पंखे की मदद से तापमान को और कम करता है. इसके अतिरिक्त सिस्टम को बिजली की सीमित पहुंच वाले क्षेत्रों के लिए 10 वाट की एक मिनी सौर प्लेट पर चलाने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

आईआईटी के निदेशक ने टीम को दी बधाई

आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर अभय करंदीकर ने कहा कि इमेजिनरी लैब सस्ती और कुशल तकनीकों को सामने लाने के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध है. इस उन्नत जल शोधक और कूलर, “शुद्धम” का विकास संस्थान द्वारा किए जा रहे कम लागत वाले नवाचारों की शृंखला में एक अतिरिक्त उपलब्धि है. मैं टीम को बधाई देता हूं और उम्मीद करता हूं कि यह बेहतर उपयोगिता और स्वच्छ पानी के मुद्दे को हल करने के लिए जनता तक पहुंचेगा.

भारत के लोगो को किफायती और अभिनव समाधान देना मिशन

इमेजिनियरिंग लेबोरेटरी एंड रूरल टेक्नोलॉजी एक्शन ग्रुप समन्वयक प्रोफेसर जे रामकुमार का कहना है कि इमेजिनियरिंग लैब का मिशन भारत के लोगों को अभिनव और किफायती समाधान प्रदान करना है. हम ऐसे उत्पादों को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो हमारे समाज की जरूरतों को पूरा करते हैं और शुद्धम इसका एक आदर्श उदाहरण है.

हमें इस प्रणाली को विकसित करने पर गर्व है. यह न केवल स्वच्छ पानी प्रदान करता है बल्कि इसे ठंडा भी करता है. जो इसे उन लोगों के लिए सुलभ बनाता है जो दोनों (वाटर प्यूरीफायर एवं वाटर कूलर) को वहन नहीं कर सकते. हमारी टीम लागत प्रभावी उत्पादों को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है, जिससे उन्हें हर जरूरतमंद को उपलब्ध कराया जा सके.

रिपोर्ट- आयुष तिवारी

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