GIS 2023: कानपुर में 83 हजार करोड़ के निवेश से विकास को लगेंगे पंख, आज एमओयू पर हस्ताक्षर

GIS 2023: कानपुर में जेके सीमेंट ने 1200 करोड़ के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है. कंपनी आगामी 12 महीनों में 500 करोड़ के निवेश से प्रयागराज में एक और यूनिट लगाएगी. यूपी में 700 करोड़ की दो परियोजनाओं पर पहले से ही कंपनी काम कर रही है.

By Prabhat Khabar | February 10, 2023 6:52 AM

Kanpur: ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS 2023) के तहत कानपुर में भारी भरकम निवेश की बुनियाद तैयार की गई है. 83 हजार करोड़ रुपये के निवेश के लिए उद्यमियों ने एमओयू किया है. सबसे ज्यादा एमओयू ऊर्जा, रियल इस्टेट, डेयरी, पशुपालन, केमिकल में किए गए हैं.

प्रदेश में निवेश के लिहाज से कानपुर टॉप थ्री जनपदों में से एक है. लखनऊ में कल शनिवार से होने वाली तीन दिवसीय समिट का सीएसए के कैलाश भवन सभागार में लाइव प्रसारण होगा. वहीं 12 फरवरी को जीटी रोड के एक होटल में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन का लाइव प्रसारण होगा.

75 हजार करोड़ के निवेश को लेकर एमओयू पर हस्ताक्षर

उद्योग उपायुक्त सुधीर श्रीवास्तव का कहना है कि GIS 2023 को लेकर 15 दिन पहले तक 75 हजार करोड़ रुपये के निवेश एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे. लेकिन, अब यह आंकड़ा बढ़कर 83 हजार करोड़ का हो गया है यानी 15 दिन में 8 हजार करोड़ का नया निवेश आ चुका है.

12 सौ करोड़ का निवेश करेगा जेके सीमेंट

कानपुर में जेके सीमेंट ने 1200 करोड़ के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है. कंपनी आगामी 12 महीनों में 500 करोड़ के निवेश से प्रयागराज में एक और यूनिट लगाएगी. यूपी में 700 करोड़ की दो परियोजनाओं पर पहले से ही कंपनी काम कर रही है. वहीं कंपनी के डिप्टी एमडी और सीईओ माधवकृष्ण सिंघानिया लखनऊ में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में हिस्सा लेंगे.

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इन विभाग में हो चुके निवेश पर एमओयू

कानपुर में निवेश के लिए इन विभागों में उद्यमियों ने रुचि जताई है.जिस पर एमओयू हस्ताक्षर भी कर दिया है. उद्यमियों ने कॉरपोरेट में 1.5 करोड़, कृषि विभाग 108 करोड़, पशु पालन 81.7 करोड़, डेयरी 628 करोड़, ऊर्जा विभाग 3,500 करोड़, एक्साइज विभाग 50 करोड़, मेडिकल विभाग 878,अतिरिक्त ऊर्जा विभाग 16,450 करोड़, करोड़, एमएसएमई और निर्यात प्रोत्साहन 9,229.91 करोड़ और वोकेशनल एजुकेशन एंड स्क्लि डेवलेपमेंट विभाग 10 करोड़ के एमओयू हो चुके हैं.

साथ ही फूड और सिविल सप्लाई 150 करोड़ रुपये, फूड सेफ्टी और ड्रग प्रशासन 126 करोड़, वन विभाग 53 करोड़, हैंडलूम और टेक्सटाइल विभाग 584.51 करोड़ रुपये, उच्च शिक्षा विभाग 681 करोड़, हार्टीकल्चर विभाग 650 करोड़, हाउसिंग विभाग 6151 करोड़, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग 3825 करोड़, उप्र स्टेट इंडस्ट्रीयल डेवलेपमेंट अथारिटी 13299 करोड़ , स्वास्थ्य विभाग 3408 करोड़, तकनीक शिक्षण संस्थान 141 करोड़, टूरिज्म विभाग 1800 करोड़, अर्बन डेवलेपमेंट विभाग 17253 करोड़ रुपये, यूपीसीडा में 4003 करोड़ रुपये के निवेश के एमओयू हो चुके हैं.

रिपोर्ट: आयुष तिवारी

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