सदर अस्पताल में हाउसकीपिंग टेंडर में घोटाला, कारपेट एरिया 3 गुणा बढ़ाकर दिखाया, एजेंसी को ज्यादा पैसों का भुगतान
Scam in Sadar Hospital Ranchi: सदर अस्पताल रांची में हाउसकीपिंग टेंडर में घोटाला का खुलासा हुआ है. आरोप है कि कारपेट एरिया 3 गुणा बढ़ाकर दिखाया और एजेंसी को ज्यादा पैसे का भुगतान किया गया. एजेंसी ने ठेका हासिल करने के बाद टेंडर में शुद्धिकरण का प्रस्ताव लाया और उसमें कई बदलाव कराये गये, जिससे कंपनी को करोड़ों रुपए का अनुचित तरीके से मुनाफा दिया गया.
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Scam in Sadar Hospital Ranchi| रांची, बिपिन सिंह : झारखंड की राजधानी रांची के सदर अस्पताल में साफ-सफाई और हाउसकीपिंग के नाम पर करोड़ों का घोटाला किया गया है. आउटसोर्सिंग एजेंसी मेसर्स जी एलर्ट एंड हाउसकीपिंग पर आरोप है कि उसने अधिकारियों के साथ मिलकर न केवल अस्पताल का कुल कारपेट एरिया तीन गुना बढ़वा लिया, बल्कि प्रति स्क्वायर फीट मैनपॉवर सप्लाई में भी भारी कटौती की. इस घोटाले के सहारे एजेंसी को हर वर्ष करोड़ों की अवैध कमाई हो रही है.
आंतरिक रिपोर्ट में हुआ गड़बड़ी का खुलासा
इसकी पुष्टि सदर अस्पताल प्रबंधन की हालिया आंतरिक रिपोर्ट में भी हुई है. इधर जेएसबीसीसीएल (झारखंड स्टेट बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन लिमिटेड) की पूर्व की रिपोर्ट से तुलना करने पर भी अनियमितता की पुष्टि हो गयी. इसमें अस्पताल का कारपेट एरिया बढ़ाकर एजेंसी को मुनाफा दिलाने का पता चल रहा है.
टेंडर जारी होने के बाद लाया गया शुद्धिकरण का प्रस्ताव
आरोप है कि जब एजेंसी ने ठेका पा लिया, तो फिर टेंडर जारी होने के बाद उसमें शुद्धिकरण का प्रस्ताव लाया गया. जानकारी के अनुसार, एजेंसी का काम एक अक्तूबर 2022 से शुरू होना था. दूसरी ओर एजेंसी को काम मिलने के बाद 13 अक्तूबर 2022 को तत्कालीन उपाधीक्षक ने सिविल सर्जन रांची को सदर अस्पताल के पुराने भवन की कुल मापी की जानकारी देने के लिए पत्र लिखा. यहीं असली खेल हो गया.
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Scam in Sadar Hospital Ranchi: हर साल करोड़ों का मुनाफा कमा रही कंपनी
पत्र में सदर अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग का कुल क्षेत्रफल 6,96,285.92 लाख स्क्वायर फीट बताया गया. इसके बाद उसकी वास्तविक मापी से 4,10,046 स्क्वायर फीट एरिया ज्यादा दिखाकर कंपनी वर्ष 2022 से करोड़ों का मुनाफा कमा रही है. बताते चलें कि पुरानी बिल्डिंग की वास्तविक मापी 268841.61 स्क्वायर फीट है.
भुगतान और दरों में किया गया मनमाना बदलाव
पिछले महीने सदर अस्पताल में अकेले मेसर्स जी एलर्ट को करीब 92 लाख रुपये का भुगतान किया गया, जबकि इससे पहले 2022-23 में उसे महज 60 लाख के करीब भुगतान हो रहा था. ज्यादा भुगतान पाने और ठेका खुद लेने के लिए एजेंसी ने टेंडर की नयी शर्तों के मुताबिक, हाउसकीपिंग के लिए जो दर पहले (शून्य) थी, उसे बदलवाकर अस्पताल के इंडोर के लिए 2.00 रुपये प्रति स्क्वायर फीट और आउटडोर के लिए 00.50 पैसे की दर से फिक्स कराया. यह बदलाव सिविल सर्जन कार्यालय द्वारा कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए टेंडर जारी होने के बाद एक शुद्धि पत्र लाकर किया गया.
अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ने के साथ ही एरिया बढ़ गया है. कोई भी लेटर आता है, तो उपयुक्त जांच करायी जाती है. टेंडर के कुछ बिंदुओं पर आपत्ति जताते हुए विभाग की ओर से पड़ताल कर पेपर्स मंगाये जाते हैं. इस मामले में भी रिपोर्ट तैयार की जा रही है. एक सप्ताह में जांच कमेटी बनाकर सभी बिंदुओं की जांच करायी जायेगी. हालांकि, टेंडर में पूरी पारदर्शिता अपनायी गयी है.
डॉ प्रभात कुमार, सिविल सर्जन, रांची
टेंडर शर्तों का उल्लंघन और कम मैन पावर की तैनाती
टेंडर की शर्तों के मुताबिक, सदर अस्पताल में साफ-सफाई और हाउसकीपिंग की जिम्मेदारी प्रति स्क्वायर फीट की दर से तय हुई थी. वर्ष 2022 में हुए टेंडर में एजेंसी को पहली पाली में 100 प्रतिशत, दूसरी पाली में कुल मैन पावर का 75 प्रतिशत और रात्रि पाली यानी अंतिम शिफ्ट में 50 प्रतिशत कर्मचारियों की तैनाती सुनिश्चित करनी थी. एजेंसी ने शुद्धिपत्र के जरिये इसमें भी सुधार कराया. पहली पाली में 100 प्रतिशत, दूसरी में भी 100 प्रतिशत और तीसरी शिफ्ट में करीब 60 प्रतिशत मैन पावर रखने की छूट ले ली. इससे एजेंसी को मैन पावर मद में करीब 30 लाख रुपए प्रति माह अतिरिक्त मिलने लगे. यानी हर साल करीब 3.36 करोड़ रुपए. हालांकि, टेंडर की शर्तों के मुताबिक, एजेंसी ने कभी पूरा मैन पावर नहीं दिया.
ऐसे हुआ पूरा खेल
| 5 मंजिली पुरानी बिल्डिंग की मापी | 268841.61 स्क्वायर फीट |
| 9 मंजिली नयी बिल्डिंग की मापी | 3,24,253 स्क्वायर फीट |
| अस्पताल भवन के अलावा खुला परिसर | 2,63,476.96 स्क्वायर फीट |
| अस्पताल प्रबंधन की 5 मंजिली पुरानी बिल्डिंग की मापी | 6,78,887 स्क्वायर फीट |
- 6,78,887 वर्ग फीट बतायी सदर अस्पताल प्रबंधन ने 5 मंजिली पुरानी बिल्डिंग की मापी
- वास्तविक मापी से 4,10,046 स्क्वायर फीट एरिया ज्यादा दिखाकर कंपनी वर्ष 2022 से कमा रही करोड़ों का मुनाफा
संयुक्त सचिव ने दिये जांच के आदेश
आउटसोर्सिंग एजेंसी के चयन के लिए आमंत्रित निविदा में विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गये मॉडल टेंडर डॉक्यूमेंट में छेड़-छाड़ एवं झारखंड प्रॉक्यूरमेंट पॉलिसी में निहित प्रावधान का अनुपालन नहीं करने का आरोप लगाया गया है. सरकार के संयुक्त सचिव ललित मोहन शुक्ला ने सिविल सर्जन रांची को 19 नवंबर को पत्र लिखा. आउटसोर्सिंग के माध्यम से सेवा लेने को लेकर एजेंसी चयन के लिए आमंत्रित निविदा में अनियमितता बरते जाने की जांच करने का निर्देश दिया है.
