UP Politics: बसपा से दूरी बनाने लगा दलित, यूपी में 22 फीसद SC, जानिए 2024 के लिए मायावती का क्या है मेगा प्लान

Bareilly News: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को दलित हितैषी माना जाता है. इसका गठन 14 अप्रैल 1984 को अंबेडकर विचारधारा पर हुआ था. यूपी में 22 फीसद से अधिक दलित मतदाता है, लेकिन यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में बसपा को सिर्फ 13 फीसद वोट मिले हैं.

By Prabhat Khabar | January 11, 2023 5:14 PM

Bareilly News: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को दलित हितैषी माना जाता है. इसका गठन 14 अप्रैल 1984 को अंबेडकर विचारधारा पर हुआ था. मगर अब कुछ वर्षों से बसपा से दलितों का मोहभंग होने लगा है. यूपी में 22 फीसद से अधिक दलित मतदाता है, लेकिन यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में बसपा को सिर्फ 13 फीसद वोट मिले हैं. जिसके चलते एक ही विधायक बना है.

इससे साफ जाहिर है कि बसपा के पास दलित में सिर्फ जाटव बचा है. मगर, दलित में बाल्मीकि, धोबी, खटीक, पासी आदि वोट बड़ी संख्या में भाजपा और कुछ सपा के साथ चला गया, लेकिन अब बसपा प्रमुख मायावती दलित वोट को लेकर फिक्रमंद हैं. वह दलितों के साथ मुस्लिम और पिछड़ों को जोड़ने की कोशिश में जुट गई हैं. इसीलिए बसपा प्रमुख ने लोकसभा चुनाव को लेकर एक्टिव हो गई हैं. उन्होंने अपने सिपहसालारों से हर सप्ताह रिपोर्ट मांगी है.

राष्ट्रीय दल का दर्जा खतरे में

बसपा का वोट प्रतिशत लगातार गिरता जा रहा है. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में 1993 के बाद सबसे कम मत (वोट) मिले हैं. यह घटकर सिर्फ 13 फीसद रह गए हैं. इससे पार्टी काफी खराब दौर में पहुंच गई है. दिल्ली एमसीडी चुनाव में एक फीसद से कम वोट मिले हैं. बीएसपी का ग्राफ 2012 यूपी विधानसभा चुनाव से गिर रहा है.

Also Read: Bareilly Today News: बरेली में BDA का चला बुलडोजर, 7 अवैध कॉलोनियों को गिराया

2017 में बीएसपी 22.24 प्रतिशत वोटों के साथ सिर्फ 19 सीटों पर सिमट गई थी. हालांकि, 2019 लोकसभा चुनाव में वोट प्रतिशत में इजाफा नहीं हुआ, लेकिन एसपी के साथ गठबंधन का फायदा मिला, और 10 लोकसभा सीटें पार्टी ने जीतीं थीं. ऐसे में बीएसपी की आगे की राजनीतिक राह काफी मुश्किल है. वह राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा नहीं बचा पाएगी. इसके साथ ही विधानमंडल से लेकर संसद तक में प्रतिनिधित्व का संकट खड़ा हो गया है.

लोकसभा में बसपा के कितने सांसद हैं

बसपा के 13वीं लोकसभा (1999-2004) में पार्टी के 14 सदस्य थे. 14वीं लोकसभा (2004- 2009) में यह संख्या 17 और 15वीं लोक सभा 2009- 2014 में यह संख्या 21 थी, लेकिन 16 वीं लोकसभा (2014- 2019) में एक भी सांसद नहीं था. मगर, 17वीं लोकसभा (2019) में सपा गठबंधन का फायदा मिला. बसपा के 10 सांसद हैं.

रिपोर्ट-मुहम्मद साजिद, बरेली

Next Article

Exit mobile version