BHU: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू बोले- ज्यूडिशरी सर्विस में हिंदी को दें बढ़ावा, राहुल देश को तोड़ रहे

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने मिडिया से बातचीत में कांग्रेस पार्टी पर बोला जुबानी हमला कर दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश तोड़ने के सिवाय कोई काम नहीं किया है. राहुल गांधी के बातों को ध्यान से सुनिए वह हर एक प्रदेश को दूसरे प्रदेश से अलग करने की बात करते हैं.

By Prabhat Khabar | September 8, 2022 5:18 PM

Varanasi News: वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित स्वतंत्रता संग्राम में जनजाति समुदाय के योगदान कार्यक्रम में पहुंचे केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने मिडिया से बातचीत में कांग्रेस पार्टी पर बोला जुबानी हमला कर दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश तोड़ने के सिवाय कोई काम नहीं किया है. राहुल गांधी के बातों को ध्यान से सुनिए वह हर एक प्रदेश को दूसरे प्रदेश से अलग करने की बात करते हैं. भाषा और धर्म के आधार पर देश को तोड़ने का काम कांग्रेस और राहुल गांधी करते हैं. वह क्या देश को जोड़ेंगे वह देश को कमजोर कर रहे हैं.

‘देखिए हम देश को कहां ले जा रहे’

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बीएचयू में आयोजित कार्यक्रम में मंच पर से संबोधित करते हुए कहा, ‘आदिवासियों में मैं पहला व्यक्ति हूं जो देश का कानून मंत्री बना. आदिवासी समाज से भारत सरकार में 3 कैबिनेट मंत्री और 5 राज्यमंत्री हैं यानी पूरे भारत में इस कम्युनिटी से कुल आठ मंत्री हैं. हमारे जंगलों में जिस परंपरा के साथ आदिवासी रहते हैं. हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं तो इस चीज को देंखें कि हम देश को कहां ले जा रहे हैं.’

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‘…इसलिए गलतफहमी में न रहें’

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘BHU अपने आपमें एक शहर है. इसकी प्रतिष्ठा दुनिया में हर जगह है. मुझे तो यूपी-बिहार के शिक्षकों ने पढ़ाया है. रामायण का ज्ञान यहीं के टीचर्स से प्राप्त किया और उन टीचर्स पर BHU की छाप रही. मैं यहां के लॉ कॉलेज के प्रोफेसरों और छात्रों से कहना चाहता हूं कि आप लोग हिंदी में ही कानून की बातें करें. यहां से आप कहीं ज्यूडिशरी सर्विस में जाएं तो वहां भी सुनवाई और फैसलों को हिंदी में ही बढ़ावा दें.’ उन्होंने कहा कि जबसे वे इस देश में कानून मंत्री बने हैं तबसे हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के जजों और अधिवक्ताओं के साथ मिला तो उनसे यही कहते रहे हैं कि जो अंग्रेजी में बहस करते हैं उनको प्राथमिकता देने की कोई जरूरत नहीं है. किसी को पढ़ाई का विशेष दर्जा मिला तो अंग्रेजी जानने लगा और वह बहुत बड़ा ज्ञानी हो गया. ऐसा बिल्कुल न सोचें. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ तथाकथित सीनियर वकील यह सोचकर बैठे हैं कि देश का पथ वे लोग निर्धारित करेंगे. देश राजधानी से नहीं बल्कि सीमाओं का जोड़कर बनते हैं. इसलिए गलतफहमी में न रहें.

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‘राजपथ का नाम अब हो गया कर्तव्यपथ’

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली में जहां 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है, उसका नाम राजपथ से बदलकर कर्तव्यपथ किया जा रहा है. दिल्ली का ऐतिहासिक राजपथ अब कर्तव्य पथ के नाम से जाना जाएगा. आज नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) ने इस पर मुहर लगा दी. अब गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर्तव्य पथ का उद्घाटन करेंगे. इस दौरान वह इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति का अनावरण भी करेंगे और इसी कार्यक्रम में शामिल होने दिल्ली भी जाना है. मगर यहां आने का अवसर गंवाना नहीं चाहता था.

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रिपोर्ट : विपिन सिंह

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