Shabnam Hanging Case : अमरोहा बानखेड़ी हत्याकांड की दोषी शबनम की फांसी एक बार फिर टली, जानें क्या है वजह

Shabnam Hanging Case, up, rampur, amroha, Salim, 7 family members murdered, Mathura jail उत्तर प्रदेश के अमरोहा जनपद के बावनखेड़ी नरसंहार की दोषी शबनम की फांसी एक बार फिर से टल गयी है. अमरोहा में जनपद न्यायालय ने अभियोजन से शबनम की रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन शबनम के वकील की ओर से राज्यपाल को दया याचिका दाखिल कर दी गई. इसी वजह से शबनम की फांसी को एक बार फिर से टाल दिया गया. मालूम हो फांसी की तारीख तय होने के बाद डेथ वारंट जारी किया जाएगा. प्रक्रिया के अनुसार डेथ वारंट जारी होने के 10 दिनों के अंदर उसको फांसी दे दी जाएगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 23, 2021 4:33 PM

Shabnam Hanging Case : उत्तर प्रदेश के अमरोहा जनपद के बावनखेड़ी नरसंहार की दोषी शबनम की फांसी एक बार फिर से टल गयी है. अमरोहा में जनपद न्यायालय ने अभियोजन से शबनम की रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन शबनम के वकील की ओर से राज्यपाल को दया याचिका दाखिल कर दी गई. इसी वजह से शबनम की फांसी को एक बार फिर से टाल दिया गया. मालूम हो फांसी की तारीख तय होने के बाद डेथ वारंट जारी किया जाएगा. प्रक्रिया के अनुसार डेथ वारंट जारी होने के 10 दिनों के अंदर उसको फांसी दे दी जाएगी.

शबनम ने की है सीबीआई जांच की मांग

कुछ दिनों पहले शबनम ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी. जेल में 12 साल के बेटे से मिलने के बाद शबनम खुब रोई थी और खुद को निर्दोष बतायी थी. शबनम ने बेटे ताज से कहा कि वह उसकी परछाई से भी दूर रहे और पढ़-लिखकर अच्छा इंसान बने. दूसरी ओर मां से मिलने के बाद बेटे ताज ने राष्ट्रपति से गुहार लगाया है कि वो फांसी के फैसले को वापस ले लें और उसकी मां की गलती को माफ कर दें. इधर ताज के केयर-टेकर उस्मान ने बताया था कि उसने शबनम से उस घटना के बारे में पूछा, तो उसने बताया कि वो निर्दोष है और उसे फंसाया गया है.

क्या है मामला

गौरतलब है कि 14-15 अप्रैल 2008 को रात को शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने ही परिवार के 7 लोगों की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी थी. इस मामले में निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ने दोनों की फांसी की सजा थी. सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2020 में दोनों की पुनर्विचार याचिका भी खारिज कर दी थी. उसके बाद राष्ट्रपति ने भी शबनम की दया याचिका को खारिज कर दिया. हालांकि उसके कथित प्रेमी सलीम की दया याचिका अब भी राष्ट्रपति के पास लंबित है. सलीम इस समय नैनी जेल में बंद है.

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शबनम को फांसी होती है, तो यह आजाद भारत का होगा दूसरा मामला

अगर शबनम को फांसी होती है, तो यह आजादी के बाद भारत के इतिहास में दूसरी बार होगा जब किसी महिला को फांसी दी जाएगी. इससे पहले 1955 में रतन बाई जैन को फांसी दी गई थी.

पवन जल्लाद देगा शबनम को फांसी, तैयारी शुरू

शबनम को फांसी देने के लिए मथुरा जेल में तैयारी भी शुरू कर दी गयी है. निर्भया के दोषियों को फांसी के फंदे पर लटकाने वाला पवन जल्लाद की शबनम को भी फांसी देगा. खबर है पवन जल्लाद ने मथुरा जेल में फांसी घर का निरीक्षण भी कर लिया है. इससे पहले 21 मई 2020 को तिहाड़ जेल में निर्भया कांड के चार दोषियों को एक साथ फांसी पर लटकाया था.

मथुरा में एक मात्र महिला फांसी घर, 74 सालों से नहीं दी गयी किसी को फांसी

मथुरा में यूपी का एक मात्र महिला फांसी घर है. जहां 74 साल से किसी को भी फांसी नहीं दी गयी है. अगर शबनम को फांसी होती है तो यह दूसरा मामला होगा. यह फांसी घर 1870 में बनाया गया था.

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