CM हाउस घेरने की तैयारी में थी शायर मुनव्वर राणा की बेटियां, पुलिस ने किया नजरबंद

शायर मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया राणा समेत दो महिलाओं को लखनऊ पुलिस ने घर में नजरबंद कर दिया है. मुनव्वर राणा की बेटी के घर के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दी गयी है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मुनव्वर राणा की दोनों बेटी उज़मा और सुमैया राणा ने आज सीएम आवास के पास चौराहे पर प्रदर्शन का आह्वान किया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 8, 2020 1:05 PM

लखनऊ : शायर मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया राणा समेत दो महिलाओं को लखनऊ पुलिस ने घर में नजरबंद कर दिया है. मुनव्वर राणा की बेटी के घर के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दी गयी है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मुनव्वर राणा की दोनों बेटी उज़मा और सुमैया राणा ने आज सीएम आवास के पास चौराहे पर प्रदर्शन का आह्वान किया था. ये लोग वहां ताली-थाली बजाकर प्रदर्शन करनेवाले थे. इस संबंध में लखनऊ पुलिस ने दोनों बहनों को प्रदर्शन ना करने का नोटिस दिया है. सभी आयोजकों के घर के बाहर पुलिस तैनात कर दी गयी है.

ताली और थाली पीटने का था प्रोग्राम

मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया राणा ने आज सैकड़ों महिलाओं के साथ सीएम आवास पर ताली और थाली पीटने का कार्यक्रम बना लिया था. वे महिला अपराध और कोविड संक्रमण रोक पाने में असमर्थ सरकार के खिलाफ सामूहिक प्रदर्शन करने जा रही थीं. चूंकि कोविड संक्रमण रोकने के लिए राजधानी में धारा 144 लगी हुई है, ऐसे में कोविड संक्रमण बढ़ने के खिलाफ सामूहिक प्रदर्शन का प्लान कर चुकीं उज़मा परवीन और सुमैया राणा को धारा 144 के उल्लंघन का नोटिस दिया गया है. इन दोनों को फिलहाल इनके घरों में ही नजरबंद किया गया है.

सीएए और एनसीआर के खिलाफ भी किया था प्रदर्शन

शायर मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया राणा ने नागरिकता संशोधन कानून और जनगणना के खिलाफ प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. लखनऊ के घण्टाघर पर हुए प्रदर्शनों में सैयद उजमा परवीन और सुमैया राणा ने अग्रसर भूमिका निभाई थी. ठाकुरगंज पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए शायर मुनव्वर राना की बेटी समेत 150 लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया था. ये मुकदमे रास्ता जाम कर प्रदर्शन, सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी वायरल करने, धारा 144 का उल्लंघन और बलवा करने के आरोप में दर्ज किए गए थे.

दोनों पहले भी रहीं विवादों में

उजमा परवीन को अगस्त में भी नजरबंद किया जा चुका है. वे धारा-144 के बीच लखनऊ के घंटाघर पर झंडा फहराने जाना चाहती थीं. जब पुलिस ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी तो उन्होंने इसे संवैधानिक अधिकारों का हनन करार दे दिया. वहीं सुमैया राणा ने एक बार सुमैया राणा ने एएमयू में उत्तर प्रदेश की पुलिस को तानाशाह बताया था. सीएए-एनआरसी प्रदर्शनों के दौरान भी दोनों महिलाओं को हाउस अरेस्ट किया जा चुका है.

posted by ashish jha

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