मोहन भागवत 6 से 10 अक्टूबर तक कानपुर में, स्वर संगम घोष शिविर में होंगे शामिल

संघ में घोष शारीरिक विभाग का महत्वपूर्ण अंग है. कानपुर प्रांत के 21 जिलों के पुराने ज्येष्ठ वादक भी शिविर में आएंगे. प्रांत के घोष प्रमुख संतोष कुमार ने बताया कि शिविर में समाज में विलुप्त हो रहे 70 प्रकार के वाद्य यंत्रों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी.

By Prabhat Khabar Print Desk | September 24, 2022 3:41 PM

Kanpur: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) कानपुर में 6 से 10 अक्टूबर तक प्रवास करेंगे. वह दीनदयाल उपाध्याय सनातन धर्म इंटर कॉलेज के स्वर संगम घोष शिविर में शामिल होने आ रहे हैं.संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ.अनुपम ने बीएनएसडी शिक्षा निकेतन (BNSD Siksha Niketan Kanpur) में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि सर संघ चालक 9 अक्टूबर को वाल्मीकि समाज के नानाराव पार्क में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे. 10 अक्टूबर की शाम 4.30 बजे एसडी कॉलेज प्रांगण में सर्वसमाज को संबोधित करेंगे.

स्वर संगम घोष शिविर में लगेगे वाद्य यंत्रों की प्रदर्शनी

डॉ. अनुपम ने बताया कि स्वर संगम घोष शिविर के लिए प्रांत प्रचारक श्रीराम कानपुर पहुंच चुके हैं. अखिल भारतीय सह व्यवस्था प्रमुख अनिल ओक भी प्रवास पर हैं. प्रांत शारीरिक प्रमुख ओंकार ने बताया कि संघ में घोष शारीरिक विभाग का महत्वपूर्ण अंग है. कानपुर प्रांत के 21 जिलों के पुराने ज्येष्ठ वादक भी शिविर में आएंगे. प्रांत के घोष प्रमुख संतोष कुमार ने बताया कि शिविर में समाज में विलुप्त हो रहे 70 प्रकार के वाद्य यंत्रों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी. शिविर की व्यवस्था में 500 कार्यकर्ता लगाए जाएंगे.

हर 10 साल में होता है घोष शिविर

घोष शिविर का आयोजन प्रत्येक प्रांत में 10 साल बाद होता है. संघ की शाखा में शारीरिक कार्यक्रमों का विशेष महत्व होता है. शारीरिक विभाग से ही घोष शिविर की अवधारणा बाहर निकली है. इस आयोजन को संघ देश स्तर पर क्रमवार किया जाता है. जिसमें संगठन के बड़े पदाधिकारी शामिल होते है. साल के अंत में होने वाले निकाय चुनाव और लोकसभा 2024 के नजरिये से यह शिविर कुछ अलग ही मायने रखता है.

प्रांत भर के स्वंय सेवक होंगे शामिल

घोष शिविर का आयोजन और सरसंघ चालक की उपस्थिति को इन्हीं अर्थो से देखा जा रहा है.इस शिविर में भाजपा संघठन और सरकार के शीर्ष जिम्मेदारों के शामिल होने की भी चर्चा है. इस शिविर में संघ के प्रांत भर से स्वयंसेवक शामिल होंगे. ये स्वयं सेवक यहां पर तय होने वाले नियम होंगे उनको पूरे प्रदेश तक ले जाने का कार्य करेंगे.

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