ज्ञानवापी केस की सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष को कोर्ट की फटकार, 6 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करने का दिया समय

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने सिविल जज सीनियर डिवीजन कुमुदलता त्रिपाठी की अदालत में दाखिल प्रार्थना पत्र में उन्होंने सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की नियमित दर्शन-पूजन करने की मांग की थी. इस बीच मुस्लिम पक्षकार को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने 6 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करने का समय दिया है.

By Prabhat Khabar | September 13, 2022 4:23 PM

Gyanvapi Case Update: ज्ञानवापी प्रकरण में नवनियुक्त शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर मंगलवार को अदालत में सुनवाई हुई. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने सिविल जज सीनियर डिवीजन कुमुदलता त्रिपाठी की अदालत में दाखिल प्रार्थना पत्र में उन्होंने सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की नियमित दर्शन-पूजन करने की मांग की थी. इस बीच मुस्लिम पक्षकार को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने 6 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करने का समय दिया है.

प्रतिदिन सुनवाई शुरू की जाएगी

जानकारी के मुताबिक, वादी किरन सिंह के एक वाद में ज्ञानवापी परिसर को लेकर मुकदमा नंबर 712/2022 भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान बनाम उत्तर प्रदेश राज्य में अदालत ने मुस्लिम पक्ष को कड़ी फटकार लगाई है. सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में उपरोक्त मुकदमे में सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने अपने वकील के बीमार होने की जानकारी दी. मुस्लिम पक्षकार की ओर से कहा गया कि अधिवक्ता के बीमार होने के चलते कोर्ट उन्हें जवाब दाखिल करने के लिए और समय दे. इस पर न्यायालय ने फटकार लगाते हुए उन्हें छह अक्टूबर (6 October) तक का समय दे दिया. कोर्ट ने कहा कि यह न्यायालय की ओर से अंतिम चेतावनी है. छह अक्टूबर से उपरोक्त केस में प्रतिदिन सुनवाई शुरू की जाएगी.

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जवाब न दाखिल करने पर फटकार

कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि यदि छह अक्टूबर तक मुस्लिम पक्ष ने अपना जवाब फाइल नहीं किया तो उनका अवसर समाप्त करते हुए न्यायिक प्रक्रिया को आगे बढ़ा दिया जाएगा. बता दें कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद पूर्व में भी धरना-प्रदर्शन कर वजूखाने में मिले शिवलिंग के नियमित पूजन अर्चन की मांग कर चुके हैं. हालांकि, जिला प्रशासन के अनुरोध पर उन्होंने धरना खत्म कर दिया था. मगर उन्होंने अपनी मांग को पूरा करने के लिए अदालत की शरण ले ली है. इसी मामले पर मंगलवार को सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष को जवाब न दाखिल करने पर फटकार लगाई गई है.

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