मथुरा में सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ ने किए बरसाना के लाडली जी मंदिर के दर्शन, रसखान और ताजबीबी का दिया उदाहरण

सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण के अनन्य भक्त रसखान के समाधि स्थल का भ्रमण किया और कुछ देर तक वहीं पर बैठे-बैठे उनकी भक्ति में लीन हो गए. रसखान समाधि स्थल पर मौजूद विजिट डायरी में मुख्यमंत्री ने अपने विचार भी लिखें. भक्ति कभी जात-पात नहीं देखती है, जिसके रसखान और ताजबीबी उदाहरण हैं.

By Prabhat Khabar | June 7, 2022 6:07 PM

Mathura News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ धर्म नगरी मथुरा में दो दिन के प्रवास के दौरान मंगलवार को गोकुल में स्थित रसखान समाधि स्थल पर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने भगवान श्री कृष्ण के अनन्य भक्त रसखान के समाधि स्थल का भ्रमण किया और कुछ देर तक वहीं पर बैठे-बैठे उनकी भक्ति में लीन हो गए. रसखान समाधि स्थल पर मौजूद विजिट डायरी में मुख्यमंत्री ने अपने विचार भी लिखें. वहीं उन्होंने कहा कि भक्ति कभी जात-पात नहीं देखती है जिसके रसखान और ताजबीबी उदाहरण हैं.


ताजबीवी की समाधि का पुनरुद्धार

दो दिन के मथुरा में अपने प्रवास के दौरान आज मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्री कृष्ण जन्म स्थान में दर्शन किए. इसके बाद सीएम योगी गोकुल स्थित रसखान समाधि स्थल पर पहुंचे. जहां पर उन्होंने समाधि स्थल भ्रमण किया और रास्ते में लिखे हुए रसखान के दोहे भी पढ़े. रसखान के समाधि स्थल के भ्रमण के बाद सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद की बैठक की अध्यक्षता की. यहां पर मौजूद विजिट डायरी में सीएम ने लिखा कि श्री कृष्ण भक्त रसखान की समाधि तथा श्री कृष्ण भक्त ताजबीवी की समाधि का पुनरुद्धार कराना सराहनीय पहल है. उन्होंने कहा कि भक्ति कभी जात-पात नहीं देखती और यह दोनों भक्त इस बात के उदाहरण हैं.


15 मिनट तक मंदिर में रुके

ब्रज तीर्थ विकास परिषद की अध्यक्षता के बाद सीएम योगी यहां से हेलीकॉप्टर द्वारा बरसाना रवाना हुए. जहां पर उन्होंने लाडली जी के मंदिर में पूजा-पाठ और दर्शन किए और करीब 15 मिनट तक मंदिर में रुके. मंदिर के दर्शनों के बाद सीएम ने बरसाना के प्रिया कुंड स्थित संत विनोद बाबा के आश्रम पर विनोद बाबा से मुलाकात की. विनोद बाबा से सीएम योगी ने करीब 30 मिनट तक मुलाकात की. और इस दौरान तमाम मुद्दों पर उनसे बातचीत भी की. इसके बाद वह यहां से आगरा खेरिया हवाई अड्डे के लिए रवाना हो गए.

रिपोर्ट : राघवेंद्र गहलोत

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