Rourkela News: एनआइटी में आदिवासी भोजन व स्थिरता पर कार्यशाला व केस स्टडी प्रतियोगिता आयोजित

Rourkela News: एनआइटी राउरकेला की ओर से जेजेजीवी समारोह और भारतीय संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ का उद्घाटन किया गया.

By BIPIN KUMAR YADAV | March 24, 2025 11:52 PM

Rourkela News: एनआइटी राउरकेला की ओर से जनजातीय गौरव वर्ष (जेजेजीवी) समारोह और भारतीय संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ का उद्घाटन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत ‘आदिवासी भोजन और स्थिरता’ विषय पर एक कार्यशाला और केस स्टडी प्रतियोगिता के साथ हुई. जेजेजीवी के नोडल अधिकारी प्रो रामकृष्ण बिस्वाल ने आदिवासी समुदायों में निहित लचीलापन, स्थिरता और विरासत की चर्चा की. संकाय समन्वयक प्रो नागराजू चिलुकोटी ने सतत विकास के लिए आदिवासी ज्ञान प्रणालियों की खोज के महत्व पर प्रकाश डाला.

प्रतियोगिता में 13 टीमों ने लिया हिस्सा

एनआइटी राउरकेला के निदेशक प्रो उमामहेश्वर के राव ने स्थिरता के लिए लड़ने वालों के ज्ञान को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया. कहा कि हमें मूल से शुरुआत करनी चाहिए और सबसे पहले खुद की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. उद्घाटन का समापन प्रो बी किरेन नायक के संबोधन से हुआ. इसके बाद केस स्टडी प्रतियोगिता शुरू हुई. प्रतियोगिता का विषय था ‘स्वदेशी कृषि पद्धतियां कैसे एक स्थायी खाद्य भविष्य का निर्माण कर सकती हैं’. इस प्रतियोगिता में पारंपरिक कृषि ज्ञान को आधुनिक स्थिरता चुनौतियों के साथ एकीकृत करने वाले समाधानों के विश्लेषण और प्रस्तुत करने के लिए प्रोत्साहित किया गया. इसमें 13 टीमों ने भाग लिया. प्रतियोगिता का निर्णय विशेषज्ञों के पैनल ने किया, जिसमें प्रो नागराजू चिलुकोटी, प्रो रश्मि अचला मिंज, प्रो थुंगयानी एन ओवुंग और पुष्पिता मिश्रा शामिल थे.

भविष्य की कार्यशालाओं और गतिविधियों के लिए तैयार हुआ मजबूत आधार

इस कार्यक्रम की मेजबानी आशुतोष वर्मा (संयोजक, जेजेजीवी) और रघुराज सोमानी (महासंयोजक, जेजेजीवी) ने की. कार्यक्रम के छात्र समन्वयक आशुतोष वर्मा, प्रसेनजीत सूर (आउटरीच हेड, जेजेजीवी) और अनुज शुक्ला (कंटेंट हेड, जेजेजीवी) थे. कार्यक्रम ने आदिवासी विरासत का सम्मान करने, स्थिरता को बढ़ावा देने और संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने के उद्देश्य से भविष्य की चर्चाओं, कार्यशालाओं और गतिविधियों के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया.

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