Jharsuguda News: एनजीटी की टीम ने राख से प्रभावित कृषि भूमि की स्थिति का आकलन किया, सौंपेगी रिपोर्ट

Jharsuguda News: एनजीटी की तीन-सदस्यीय समिति ने जमेरा गांव में कृषि भूमि पर फ्लाई ऐश डंप किये जाने के आरोपों की जांच की.

By BIPIN KUMAR YADAV | December 6, 2025 11:49 PM

Jharsuguda News: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की ओर से नियुक्त तीन-सदस्यीय समिति ने शुक्रवार को जमेरा गांव में ओडिशा मेटालिक्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कृषि भूमि पर अवैध रूप से फ्लाई ऐश डंप करने के आरोपों की जांच के लिए साइट का दौरा किया. यह दौरा तीन नवंबर, 2025 को एनजीटी ईस्टर्न जोन बेंच, कोलकाता की ओर से जारी एक आदेश के बाद किया गया. यह निरीक्षण ए खर्सेल और अन्य ग्रामीणों द्वारा दायर एक आवेदन के बाद किया गया, जिन्होंने पर्यावरण उल्लंघन के सत्यापन और तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई के लिए ट्रिब्यूनल से संपर्क किया था.

अधिकारियों ने शिकायतकर्ताओं से बातचीत की

इसके जवाब में एनजीटी ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीएसबी), ओडिशा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और अतिरिक्त जिलाधीश ब्रजबंधु भोई की एक संयुक्त समिति का गठन किया. निर्देशानुसार समिति ने निर्धारित अवधि के भीतर जमीनी हकीकत की जांच करने के लिए प्रभावित स्थल का दौरा किया. निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने शिकायतकर्ताओं से बातचीत की. राख से कथित रूप से प्रभावित कृषि भूमि की स्थिति का आकलन किया और कंपनी द्वारा अपनाये गये अनुपालन उपायों की समीक्षा की. टीम ने घटनाक्रम के उनके पक्ष को समझने और यह मूल्यांकन करने के लिए कि क्या पर्यावरणीय मानदंडों का उल्लंघन किया गया था, परियोजना प्रस्तावक के प्रतिनिधियों से भी बात की. निरीक्षण का उद्देश्य नुकसान की सीमा निर्धारित करना, राख को संभालने में कमियों की पहचान करना और आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाना था.

ग्रामीणों ने आजीविका के जोखिमों पर चिंताएं दोहरायीं

ग्रामीणों ने फसल के नुकसान, मिट्टी के दूषित होने और अपनी आजीविका के जोखिमों पर चिंताएं दोहरायीं. संयुक्त समिति को अब अपने निष्कर्षों, टिप्पणियों और सिफारिशों को शामिल करते हुए एक व्यापक रिपोर्ट तैयार करनी होगी. ट्रिब्यूनल के निर्देशानुसार रिपोर्ट को आगे विचार और आदेशों के लिए एक महीने के भीतर एनजीटी को प्रस्तुत करना होगा. इस मामले में ओडिशा मेटालिक्स प्राइवेट लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजीत सिंह ने यह कहते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि मामला विचाराधीन है. तहसीलदार सदाकर कुम्हार ने पुष्टि की कि एक संयुक्त जांच पूरी हो गयी है और आश्वासन दिया कि रिपोर्ट निर्धारित समय के भीतर एनजीटी को प्रदान कर दी जायेगी.

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