Rourkela News: जमुनानाकी ब्रिज के निर्माण ने पकड़ी रफ्तार, 14 किमी कम हो जायेगी कुआरमुंडा से राउरकेला की दूरी
Rourkela News: जमुनानाकी ब्रिज के निर्माण कार्य ने फिर एक बार रफ्तार पकड़ ली है.
Rourkela News: बहुप्रतीक्षित जमुनानाकी ब्रिज का निर्माण कार्य पांच साल बाद भी पूरा नहीं हुआ है. इस ब्रिज का निर्माणकार्य वर्ष 2019 में शुरू हुआ था. अभी भी 40 फीसदी से अधिक काम बाकी है. निर्माण कार्य पिछले दिनों पूरी तरह से धीमी गति से चल रहा था. लेकिन अचानक अब इसमें तेजी दिख रही है. हालांकि काम कबतक पूरा होगा, यह कहना अभी मुश्किल है. कोयल नदी पर इस पुल के बन जाने से कुआरमुंडा, रांची, रायबोगा, बिरमित्रपुर समेत अन्य क्षेत्रों के लोगों को आवागमन में सुविधा होगी. कुआरमुंडा और राउरकेला के बीच की दूरी 14 किमी कम हो जायेगी. इलाज के लिए आइजीएच, आरजीएच समेत विभिन्न निजी अस्पतालों में जाने वाले मरीजों और उनके परिजनों को यात्रा के कष्ट से मुक्ति मिलेगी.
डीएमएफ से जारी हुआ था फंड
जमुनानाकी पुल का निर्माण कार्य 2019 में शुरू हुआ था. प्रारंभिक चरण में डीएमएफ से लगभग 32 करोड़ रुपये मंजूर किये गये थे. वहीं बाद में चार करोड़ रुपये और मंजूर कर दिये गये. जिससे पुल के निर्माण पर 36 करोड़ रुपये से अधिक राशि खर्च होगी. निर्माण एजेंसी को दो साल के भीतर यानी 2021 तक पुल का निर्माण करने को कहा गया था. इस बीच सुंदरगढ़ जिले में कुल चार जिलापाल पदभार संभाल चुके हैं, लेकिन राउरकेला-जमुनानाकी पुल का निर्माण कार्य रफ्तार नहीं पकड़ सका है. फिलहाल कहा जा रहा है कि मार्च, 2025 तक इसे पूरा कर लिया जायेगा. यह पुल स्थानीय क्षेत्र की शिक्षा और आर्थिक विकास में भी बहुत सहायक होगा. हालांकि, इस पुल का काम पूरा नहीं होने से कुआरमुंडा के लोगों में भी नाराजगी देखी जा रही है. एक तरफ जिले की अन्य परियोजनाएं पूरी हो रही हैं, तो जमुनानाकी ब्रिज का काम पूरा नहीं हो रहा है. इस कारण लोग लाभान्वित नहीं हो पा रहे हैं.
2017 में स्थानीय लोगों की मांग पर जिलापाल ने दी थी पुल के निर्माण की मंजूरी
पश्चिमी ओडिशा के विभिन्न भागों में परिवहन के लिए ब्राह्मणी ब्रिज पर दो पुल बनाये गये हैं. इसलिए, 2017 में कुआरमुंडा नागरिक समिति सहित अन्य संगठनों की ओर से परिवहन, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा के क्षेत्र में जटिल समस्याओं के समाधान के लिए कोयल नदी पर दूसरे पुल के निर्माण की मांग की गयी थी. उन्होंने तत्कालीन सुंदरगढ़ जिलापाल वीनित भारद्वाज से मुलाकात कर राउरकेला-जमुनानाकी (लगभग 700 मीटर) कोयल नदी पर एक पुल निर्माण की मांग की. तत्कालीन जिलापाल श्री भारद्वाज ने स्थानीय लोगों की समस्याओं को समझने के बाद इसे हरी झंडी दे दी. उन्होंने कहा था कि पुल का निर्माण जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) निधि से किया जायेगा.
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