Sundargarh News: एनटीपीसी के विस्तार को जमीन अधिग्रहण का आलूपाड़ा व वरोभगार के ग्रामीणों ने किया विरोध

Sundargarh News: एनटीपीसी के विस्तार को लेकर दर्लीपाली पंचायत में ग्राम सभा हुई. इसमें ग्रामीणों ने जमीन अधिग्रहण का विरोध किया.

By BIPIN KUMAR YADAV | November 22, 2025 11:35 PM

Sundargarh News: एनटीपीसी दर्लीपाली परियोजना में एक नयी यूनिट (एक गुणा 800 मेगावाट) स्थापित करने के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को लेकर शनिवार को दर्लीपाली पंचायत में ग्रामसभा आयोजित की गयी. इसकी अध्यक्षता लेफ्रीपाड़ा ब्लॉक की बीडीओ आतसी परिडा और दर्लीपाली सरपंच नलिनी कुमुरा ने की. ग्रामसभा में जमीन अधिग्रहण विभाग के अधिकारी, एनटीपीसी प्रतिनिधि और ग्रामीण उपस्थित थे.

लंबे समय से कहीं और बसाने की कर रहे मांग, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि सुंदरगढ़ जिला अनुसूचित क्षेत्र में आता है, इसलिए यह बैठक पेसा एक्ट के प्रावधानों के तहत आयोजित की गयी. लेकिन आलूपाड़ा और वरोभगार गांव के लोगों ने ग्रामसभा का विरोध किया. ग्रामीणों का आरोप है कि परियोजना से निकलने वाली गर्मी और फ्लाई ऐश से जीवन कठिन हो गया है. उनकी बार-बार कहीं और बसाने की मांग प्रशासन और कंपनी दोनों ने अनसुनी कर दी है. ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने 10 नवंबर को लेफ्रीपाड़ा ब्लॉक में आयोजित संयुक्त जनसुनवाई में वे जिलापाल मिलने गये थे, लेकिन जिलापाल ने गांववालों की बात अनसुनी कर दी और चले गये. ग्रामीणों की बात सुनने के बाद उपजिलापाल ने आश्वासन दिया था कि वे ग्रामसभा में आकर समस्या सुनेंगे, लेकिन वे शामिल नहीं हुए, जिससे ग्रामीणों में निराशा है.

ग्रामीणों ने सरपंच की भूमिका पर भी उठाये सवाल

ग्रामसभा के दौरान सरपंच नलिनी कुमुरा भी ग्रामीणों की शिकायतें सुने बिना बैठक से चली गयीं और पंचायत कार्यालय में ताला बंद कर दिया. ग्रामीणों ने सवाल किया कि सरपंच स्थानीय ग्रामीणों की हैं, या कंपनी की पक्षधर हैं. आरोप लगाया कि सभा में प्रभावित गांवों के लोगों को बोलने का अवसर भी नहीं दिया गया. बैठक में एनटीपीसी अधिकारियों ने प्रस्तावित विस्तार परियोजना और भूमि अधिग्रहण की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कंपनी क्षेत्र में सीएसआर के तहत विकास कार्य जारी रखेगी. हालांकि, अधिकतर ग्रामीणों ने बैठक को रद्द करने की मांग की, जबकि कुछ लोगों ने इसे सफल बताया. अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन और कंपनी ग्रामीणों की समस्याओं के समाधान के लिए क्या कदम उठाते हैं.

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