Odisha Train Accident: 48 घंटे बाद मौत के मुंह से जिंदा निकला असम का दुलाल, मलबे के नीचे था दबा

ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. ऐसे में कई यात्री मौत के मुंह से निकलकर बाहर आए हैं. 48 घंटे बाद असम का शख्स मलबे के नीचे जिंदा मिला है. व्यक्ति की पहचान असम के 35 वर्षीय दुलाल मजूमदार के रूप में हुई है. जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा है.

By Nutan kumari | June 6, 2023 10:31 AM

Odisha Train Accident: ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. हादसा इतना भीषण था की इसमें 278 लोगों की मौत हो गई, जबकि सैकड़ो लोग घायल होकर अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें कई की हालत गंभीर है. कई यात्री मौत के मुंह से निकलकर बाहर आए हैं. बता दे कि कोरोमंडल ट्रेन हादसे के 48 घंटे बाद एक व्यक्ति जिंदा पाया गया. यह देख सभी हैरान थे कि इतनी भीषण ट्रेन हादसे के बाद जिंदा कैसे है. पुलिस ने उसे बहनागा रेलवे स्टेशन से 200 मीटर दूर जिंदा रेस्क्यू किया. फिर उसे अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया.

मौत के मुंह से निकला जिंदा व्यक्ति ने खुद को असम के 35 वर्षीय दुलाल मजूमदार के रूप में पहचाना, जो राज्य के पांच अन्य लोगों के साथ कोरोमंडल एक्सप्रेस में यात्रा कर रहा था. यह स्पष्ट नहीं है कि उनके परिजन जीवित हैं या घायलों में से हैं. “वह कोरोमंडल एक्सप्रेस के सामान्य डिब्बे में था जब दुर्घटना हुई थी. संभवत: वह उछलकर झाड़ी में जा गिरा था. यह एक चमत्कार है कि वह दो दिनों तक जीवित रहा.

इधर, एनडीआरएफ के निदेशक अतुल करवाल ने रविवार शाम को कहा था कि जीवित और मृत लोगों की तलाश के दो दिनों के बाद, अब किसी और को खोजने की बहुत कम संभावना थी, और ट्रैक पर सेवाओं को बहाल करने पर ध्यान केंद्रित किया गया था. फिर भी, पिछले 48 घंटों में राज्य और केंद्रीय एजेंसियों दोनों के एक हजार से अधिक कर्मियों को घटनास्थल पर देखा गया था, और वे थके हुए थे. तभी शाम करीब 5.30 बजे सोरो पुलिस स्टेशन के पुलिसकर्मियों के एक छोटे समूह ने एक आवाज सुनी. वह आवाज कोरोमंडल एक्सप्रेस के एक उलटे डिब्बे के बगल में एक घनी झाड़ी से आ रही थी. आवाज को सून रेस्क्यू टीम वहां पहुंचे तो सभी हैरान थे कि इस तरह की ट्रेन दुर्घटना के 48 घंटों के बाद एक आदमी कैसे जिंदा हो सकता है. जिसके बाद कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं की सहायता से, उसे सोरो के सामुदायिक केंद्र में ले गए. वहां उनका प्राथमिक उपचार किया गया और बालासोर जिला मुख्यालय अस्पताल ले जाया गया.

एम्स पीआरओ राजकिशोर दास ने बताया कि सोमवार की सुबह, मजूमदार को एम्स भुवनेश्वर ले जाया गया था. जहां उनका इलाज सिर में लगी चोट के लिए किया गया. वह अभी भी घायल अवस्था में है और असंगत रूप से बात कर रहे हैं. हम उनका इलाज कर रहे हैं और उन्हें कड़ी निगरानी में रखा जाएगा.

Also Read: जब ट्रेन पलटी तो लोगों के बीच दब गया था झारखंड का नियामत शेख, फिर उसे दिखाई दी उम्मीद की किरण

Next Article

Exit mobile version