Bhubaneswar News: ओडिशा में 10 वर्षों में 41 बांग्लादेशियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज

Bhubaneswar News: ओडिशा के मुख्यमंत्री ने सोमवार को विधानसभा में बताया कि पिछले 10 वर्षों में 41 बांग्लादेशियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किये गये हैं.

By BIPIN KUMAR YADAV | March 10, 2025 11:30 PM

Bhubaneswar News: ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने सोमवार को विधानसभा को सूचित किया कि पुलिस ने पिछले 10 वर्षों के दौरान राज्य में 41 बांग्लादेशियों के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज किए हैं. भाजपा विधायक मानस कुमार दत्ता के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कुल 3,738 बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान की गई है. उन्होंने कहा कि सबसे अधिक 1,649 अवैध बांग्लादेशी प्रवासी केंद्रपाड़ा में मिले, इसके बाद जगतसिंहपुर में 1,112, मलकानगिरी में 655, भद्रक में 199, नबरंगपुर में 106 और भुवनेश्वर में 17 अवैध बांग्लादेशी प्रवासी मिले. माझी ने कहा कि राज्य सरकार ने सभी कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को तहसील, प्रखंड और पुलिस अधिकारियों की टीमें गठित करने को कहा है.

भ्रष्टाचार के आरोप में 5 साल में 827 कर्मचारी गिरफ्तार

ओडिशा विधानसभा में मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने सवालों के दिये जवाब, बोलेभुवनेश्वर. ओडिशा में पिछले पांच वर्षों में 827 सरकारी कर्मचारियों को भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ्तार किया गया. विधानसभा में सोमवार को यह जानकारी मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने विधायक अगस्ती बेहेरा के सवाल के जवाब में दी. मुख्यमंत्री ने बताया कि इस अवधि में 436 सरकारी कर्मचारियों को विभिन्न भ्रष्टाचार मामलों में दोषी ठहराया गया है. इसके अलावा, 1,131 मामलों में ट्रायल की प्रक्रिया जारी है, जिनमें चार्जशीट पहले ही दायर की जा चुकी हैं. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किये गये कर्मचारी ओडिशा के विभिन्न जिलों से थे और उन्होंने विभिन्न विभागों में कार्य किया था.

पांच वर्षों में 72 छात्रों ने की आत्महत्या

ओडिशा में पिछले पांच वर्षों में 72 छात्रों ने आत्महत्या की है. यह जानकारी मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने सोमवार को विधानसभा में दी. वे कांग्रेस विधायक सोफिया फिरदौस के सवाल का जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि ये आत्महत्याएं 2020 से 28 फरवरी, 2025 के बीच सरकारी और निजी स्कूलों और कॉलेजों में हुईं. मुख्यमंत्री ने आत्महत्याओं के प्रमुख कारणों का उल्लेख किया, जिनमें मानसिक दबाव, उत्पीड़न, शैक्षिक तनाव, दोस्तों और परिवार के साथ संघर्ष, प्रेम संबंधों से जुड़ी समस्याएं, घर की याद और मानसिक समस्याएं शामिल हैं. उन्होंने यह भी बताया कि स्कूल के छात्रावासों में फोन इस्तेमाल पर पाबंदी और परीक्षा से संबंधित तनाव भी इस समस्या को बढ़ावा दे रहे हैं. सरकार छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रमों के बारे में जानकारी जुटा रही है.

..

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है