Rourkela News: लुंगेई में प्राथमिक स्कूल का भवन जर्जर, जान हथेली पर रखकर पढ़ाई कर रहे 175 बच्चे

Rourkela News: वेदव्यास के लुंगेई क्षेत्र स्थित एक प्राथमिक स्कूल की हालत बेहद दयनीय है. दो साल से अधिक समय से इस स्कूल की इमारत जर्जर है.

By BIPIN KUMAR YADAV | November 28, 2025 12:33 AM

Rourkela News: वेदव्यास के लुंगेई क्षेत्र स्थित एक प्राथमिक स्कूल की हालत बेहद दयनीय है. दो साल से अधिक समय से इस स्कूल की इमारत जर्जर है. एक ही कमरे में तीन-तीन कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. जिससे शिक्षकों को पढ़ाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. स्कूल की छत और दीवारें इतनी खराब हैं कि बारिश के दिनों में पानी टपकता है और कभी-कभी छत का प्लास्टर गिरने का खतरा रहता है. हालांकि, अभी तक किसी बच्चे को कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन अभिभावकों की चिंता बढ़ती जा रही है.

आम आदमी ने किया प्रदर्शन, आंदोलन की चेतावनी दी

इस स्कूल की दयनीय स्थिति से परेशान अभिभावकों ने कई बार जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग को सूचित किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. आम आदमी पार्टी के विनय तिवारी के नेतृत्व में अभिभावकों ने स्कूल के खिलाफ बुधवार को प्रदर्शन किया. लुंगेई सरपंच आपी टाेप्पो ने चेतावनी दी कि अगर एक सप्ताह के भीतर स्कूल को दूसरी जगह स्थानांतरित नहीं किया गया, तो आंदोलन तेज किया जायेगा. आप के बणई विधानसभा अध्यक्ष जोगेंद्र पाल तिर्की, पूनम, टिकेश्वर जेना व छोटू माबिक ने शिक्षा विभाग के लापरवाह रवैये की कड़ी निंदा की. यह स्कूल राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है. यहां कक्षा एक से आठ तक 175 छात्र पढ़ते हैं. प्रधानाचार्य सहित कुल छह शिक्षक हैं.

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने दिया मुआवजा, नहीं हुई स्कूल की मरम्मत

राष्ट्रीय राजमार्ग के विस्तारीकरण के दौरान स्कूल का कुछ हिस्सा और दीवार ढह गयी थी. राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने मुआवजे की घोषणा की थी और शिक्षा विभाग को लगभग 40 लाख रुपये दिये. लेकिन मुआवजा मिलने के बाद भी मरम्मत का काम नहीं किया गया. स्कूल की प्रिंसिपल कविता दास ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी को स्कूल की समस्या से अवगत करा दिया गया है. शिक्षा अधिकारी ने आश्वासन दिया है कि जब तक स्कूल नहीं बन जाता, बच्चे स्थानीय निजी स्कूल में पढ़ेंगे. अभिभावकों की मांग है कि जल्द से जल्द स्कूल की मरम्मत की जाये या बच्चों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया जाये. इसको लेकर जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की लापरवाही से लोगों में भारी आक्रोश है.

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