Jharsuguda News: झारसुगुड़ा के नीरव अग्रवाल का ओडिशा क्रिकेट टीम में हुआ चयन

Jharsuguda News: कूच बिहार ट्रॉफी के लिए झारसुगुड़ा के नीरव अग्रवाल का चयन ओडिशा टीम में हुआ है.

By BIPIN KUMAR YADAV | November 28, 2025 12:37 AM

Jharsuguda News: झारसुगुड़ा के नीरव अग्रवाल का चयन ओडिशा टीम में हुआ है. वह उत्तराखंड में आयोजित हो रही कूच बिहार ट्रॉफी के लिए ओडिशा टीम में शामिल किये गये हैं. अंडर-14 और अंडर-19 टीम में चयन के लिए लंबे समय से प्रयासरत नीरव को अंतत: सफलता मिली है, जिसके बाद उनके परिवार सहित झारसुगुड़ा के खेल प्रेमियों में हर्ष की लहर है.

ओसीए का इ-मेल मिलते ही खुशी की लहर

नीरव के पिता नवल अग्रवाल पेशे से कारोबारी हैं. उन्होंने बताया कि नीरव की इस सफलता के लिए हमारे परिवार के साथ पूरा झारसुगुड़ा इंतजार कर रहा था. परिवार के साथ नवल अग्रवाल भुवनेश्वर के लिए गुरुवार को रवाना हुए. वहीं नीरव पहले से भुवनेश्वर में मौजूद हैं. नवल अग्रवाल ने बताया कि बुधवार को उनके बेटे के पास ओडिशा क्रिकेट एसोसिएशन (ओसीए) का आधिकारिक मेल आया, जिसमें उसके चयन की जानकारी दी गयी और 28 नवंबर को भुवनेश्वर पहुंचने के लिए कहा गया.

12 साल की उम्र से खेल रहे हैं क्रिकेट

नीरव 12 साल की उम्र से क्रिकेट खेल रहे हैं और इस खेल के प्रति उनकी दीवानगी इस कदर पहुंच गयी थी कि वे दो साल तक हरियाणा में सहवाग इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ने के लिए पहुंच गये थे. हालांकि दो साल तक वहां पढ़ाई करने के बाद वे वापस झारसुगुड़ा लौट आये.

द्रोणाचार्य की तरह कोच ने सींचा

नवल अग्रवाल ने बताया कि झारसुगुड़ा में क्रिकेट के लिए बहुत अच्छी आधारभूत संरचना नहीं है. लेकिन नीरव इस मामले में खुशकिस्मत है कि उसे गोपाल दत्ता जैसे कोच मिले. कोच गोपाल दत्ता रोजाना छह घंटे नीरव को प्रैक्टिस कराते थे और उनकी मेहनत का ही नतीजा है कि उसे यह मौका मिला.

खेल के साथ पढ़ाई में भी अव्वल

अमूमन देखा जाता है कि खेल में बहुत अच्छा प्रदर्शन करने के कारण कई बार बच्चे पढ़ाई में थोड़े कमतर रह जाते हैं. लेकिन नीरव के साथ ऐसा नहीं है. 10वीं की परीक्षा में उन्होंने 97 फीसदी अंक लाकर यह साबित कर दिया था कि अगर लगन और मेहनत करने का जज्बा है, तो पढ़ाई और खेल दोनों में अव्वल आया जा सकता है. नीरव फिलहाल डीएवी, झारसुगुड़ा में 12वीं की पढ़ाई कर रहे हैं.

परिवार का पूरा सहयोग

नवल अग्रवाल ने बताया कि नीरव को तैयार करने में वैसे तो पूरा परिवार ही साथ रहा, लेकिन ज्यादा योगदान नीरव की मां सुमन अग्रवाल का रहा. उन्होंने हर मौके पर नीरव की हौसला अफजाई की. नीरव का एक और बड़ा भाई है, जो फिलहाल दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहा है. नीरव की सफलता से सभी गदगद हैं.

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