Rourkela News: आरएसपी में 33 केवी आउटडोर वीसीबी की आंतरिक रेट्रोफिटिंग से 2.50 लाख की हुई बचत

Rourkela News: आरएसपी में 33 केवी आउटडोर वैक्यूम सर्किट ब्रेकर का आंतरिक निराकरण और रेट्रोफिटिंग सफलतापूर्वक की गयी थी.

By BIPIN KUMAR YADAV | December 1, 2025 11:43 PM

Rourkela News: राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) के नगर अभियांत्रिकी (विद्युत) के 33 केवी सबस्टेशन में 33 केवी/11 केवी, 6 एमवीए पावर ट्रांसफॉर्मर-5 के दोषपूर्ण 33 केवी आउटडोर वैक्यूम सर्किट ब्रेकर (वीसीबी) के आंतरिक निराकरण और रेट्रोफिटिंग के साथ एक प्रमुख रखरखाव गतिविधि सफलतापूर्वक की गयी थी. सीमेंस मेक का मौजूदा ब्रेकर बारह वर्षों से अधिक समय से सेवा में था और 10 नवंबर, 2025 को पूरी तरह से निष्क्रिय होने से पहले लगातार परिचालन मुद्दों का सामना कर रहा था.

नगर अभियांत्रिकी-विद्युत की समर्पित टीम ने पूरे काम को अंजाम दिया

विश्वसनीय बिजली आपूर्ति और सिस्टम स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए खराब वीसीबी को एक इन-हाउस रेट्रोफिटिंग पहल के माध्यम से समान रेटिंग की एक अतिरिक्त इकाई के साथ बदल दिया गया. 33 केवी सबस्टेशन, नगर अभियांत्रिकी (विद्युत) की एक समर्पित टीम ने पूरे काम को अंजाम दिया, जिसमें विघटित करना, रेट्रोफिटिंग, इंस्टॉलेशन, वायरिंग, परीक्षण और कमीशनिंग शामिल हैं. बिजली वितरण विभाग ने सिस्टम में ब्रेकर के निर्बाध एकीकरण को सुनिश्चित करने के लिए परीक्षण के दौरान महत्वपूर्ण समर्थन दिया. परियोजना टीम के सदस्यों सहायक महाप्रबंधक (नगर अभियांत्रिकी-विद्युत) सी खेस, सहायक प्रबंधक (नगर अभियांत्रिकी-विद्युत) चित्रसेन जेना और अन्य सहायक कर्मचारियों ने इस कार्यभार के सफल निष्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.

टाउनशिप में बिजली वितरण की विश्वसनीयता में हुई वृद्धि

नये रेट्रोफिट किये गये वीसीबी को औपचारिक रूप से 28 नवंबर, 2025 को मुख्य महाप्रबंधक (नगर अभियांत्रिकी और बागवानी) बीके जोजो द्वारा 33 केवी/11 केवी सिस्टम में औपचारिक रूप से शामिल किया गया. इस मौके पर महाप्रबंधक (नगर अभियांत्रिकी-विद्युत और अनुभाग प्रमुख) एमए सिद्दीकी, महाप्रबंधक (नगर अभियांत्रिकी-विद्युत) संजय प्रधान, महाप्रबंधक (नगर अभियांत्रिकी-विद्युत) एससी नायक और 33 केवी सबस्टेशन के कर्मचारी मौजूद थे. इस आंतरिक पहल ने न केवल टाउनशिप में बिजली वितरण की विश्वसनीयता में वृद्धि की, बल्कि संयंत्र के लिए लगभग 2.50 लाख रुपये की लागत की बचत भी हुई.

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