Rourkela News: होम्योपैथिक कॉलेज के विद्यार्थी सड़क पर उतरे, कहा-बातचीत तक नहीं कर रही सरकार
Rourkela News: आठ सूत्री मांगों के समर्थन में पिछले 20 दिनों से आंदोलन कर रहे होम्योपैथिक कॉलेज के विद्यार्थी गुरुवार को सड़क पर उतर आये.
Rourkela News: आठ सूत्री मांगों के समर्थन में पिछले 20 दिनों से आंदोलन कर रहे होम्योपैथिक कॉलेज के विद्यार्थी गुरुवार को सड़क पर उतर आये. उन्होंने अपनी मांगों के समर्थन में मार्च निकाला और नाराजगी जतायी. विद्यार्थियों ने कहा कि हमारी मांग मानना तो दूर की बात है, हमसे बात तक करने का समय भी सरकार के पास नहीं है.
होम्योपैथिक कॉलेज के ऑफिस और गेट पर दे रहे थे धरना
ऑल ओडिशा आयुष स्टूडेंट्स यूनियन ने सोमवार को अपने आठ सूत्री मांगों के समर्थन में तालाबंदी आंदोलन करते हुए सेक्टर-21 नयाबाजार स्थित गवर्नमेंट होम्योपैथिक कॉलेज के स्टूडेंट्स ने ऑफिस और गेट पर ताला लगाकर धरना पर बैठ गये थे. चेतावनी भी दी थी कि जब तक मांगें पूरी नहीं होतीं, वे नहीं हटेंगे. उनकी मांगों में आयुष डॉक्टरों की नियुक्ति, पीजी और पीएचडी सीटें बढ़ाना, स्टाइपेंड बढ़ाना आदि शामिल हैं. तालाबंदी की वजह से मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में सारा काम रुका पड़ा है. राज्य के सात सरकारी आयुर्वेद और होम्योपैथी (आयुष) स्टूडेंट्स और हाउस सर्जनों द्वारा राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन चलाया जा रहा है. छह नवंबर से भुवनेश्वर, ब्रह्मपुर, बलांगीर, पुरी, अंकुशपुर, राउरकेला और संबलपुर के सभी सरकारी आयुष कॉलेज के स्टूडेंट्स काला बैज पहनकर आयुष के प्रति राज्य सरकार की उदासीनता के खिलाफ विरोध कर रहे हैं. राज्य आयुष छात्र कांग्रेस ने प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, केंद्रीय आयुष मंत्री, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और राज्य आयुष डायरेक्टर को एक ज्ञापन भी सौंपा है. जिसमें आरोप लगाया कि राज्य सरकार एलोपैथिक की तरह आयुष मेडिकल सेवाओं और शिक्षा व्यवस्था के लिए कोई तत्परता नहीं दिखा रही है.
वादा खिलाफी का छात्र लगा रहे आरोप
विद्यार्थियों का कहना है कि राज्य में कई सालों से आयुष शिक्षा और मेडिकल सेवाओं को नजरअंदाज किया गया है. नवीन पटनायक सरकार के दौरान, भुवनेश्वर के लोअर पीएमजी में दो आयुष छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया था. उस समय के हेल्थ डिपार्टमेंट के अधिकारी ने आयुष स्टूडेंट्स की मांगों पर चर्चा की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की. उस समय लोइसिंगा के विधायक और मौजूदा स्वास्थ्य मंत्री डॉ मुकेश महलिंग ने आयुष स्टूडेंट्स की मांगों पर पूरा भरोसा जताया था और तत्कालीन मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को एक पत्र देकर मांग की थी कि मांगों को सही तरीके से और तुरंत पूरा किया जाये. लेकिन जब भाजपा सरकार सत्ता में आने वाली थी, तो आयुष स्टूडेंट्स ने मांगों पर चर्चा करने और एक्शन लेने के लिए इस बारे में डॉ मुकेश महलिंग और मुख्यमंत्री मोहन माझी से बार-बार मुलाकात की, लेकिन सरकार ने अब तक कोई एक्शन नहीं लिया, जिससे सभी हैरान हैं.
इन मांगों को लेकर किया जा रहा प्रदर्शन
राज्य आयुष छात्र कांग्रेस और आयुष के अलग-अलग राज्य-स्तरीय संगठन लंबे समय से सरकार से आठ सूत्री मांगों पर बातचीत कर रहे हैं, जिसमें राज्य में नये आयुष मेडिकल ऑफिसर के पद बनाना, आयुष पीजी और पीएचडी कोर्स की सीटों में बढ़ोतरी, हाउस सर्जन के लिए डायनामिक अलाउंस में बढ़ोतरी, सभी आयुष कॉलेजों में मैनेजमेंट कमेटियों का पूरा गठन, आयुष की तरक्की के लिए राज्य की हेल्थ पॉलिसी में आयुष इलाज के लिए खास बजट, हेल्थ सुविधाओं का इंतजाम, लोगों में आयुष हेल्थ के लिए जागरुकता अभियान और खास आयुष डिपार्टमेंट बनाना शामिल हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
