Rourkela News: शिक्षण विधियों में सुधार और नवीनतम टूल्स से शिक्षकों को किया जायेगा सशक्त

Rourkela News: एनआइटी राउरकेला में पीएमश्री जवाहर नवोदय विद्यालय के शिक्षकों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सोमवार को शुरू हुआ.

By BIPIN KUMAR YADAV | December 8, 2025 11:15 PM

Rourkela News: नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (एनआइटी) राउरकेला में प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम श्री) के अंतर्गत जवाहर नवोदय विद्यालयों (जेएनवी) के शिक्षकों के लिए पांच दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ सोमवार को किया गया. यह कार्यक्रम 12 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें ओडिशा और छत्तीसगढ़ के 20 जिलों से आये 38 जेएनवी शिक्षकों ने हिस्सा लिया. इस कार्यक्रम का आयोजन एनआइटी राउरकेला के सेंटर फॉर कंटिन्यूइंग एजुकेशन (एसआरआइसीसीआई) द्वारा किया गया.

शिक्षकों के विकास और सशक्तीकरण के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाना है उद्देश्य

उद्घाटन कार्यक्रम में एनआइटी के प्रशासनिक अधिकारी जैसे प्रोफेसर अशोक कुमार तुरुक (डीन, अकादमिक), प्रोफेसर स्वदेश कुमार प्रतिहार (डीन, एसआरआइसीसीआइ) और रजिस्ट्रार प्रोफेसर रोहन धीमान उपस्थित रहे. प्रोफेसर धीमान, जो स्वयं पूर्व जेएनवी छात्र हैं, ने कहा कि एनआइटी राउरकेला को इस कार्यक्रम की मेजबानी पर गर्व है. उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण शिक्षकों को कक्षा में बेहतर तरीकों को अपनाने और विद्यार्थियों में आत्मविश्वास बढ़ाने में सहायता करेगा. कार्यक्रम का नेतृत्व प्रोफेसर समित अरी, एसोसिएट डीन (एसआरआइसीसीआइ) ने संयोजक के रूप में किया, जबकि प्रोफेसर मधुरिमा जाना ने सह-संयोजक और उद्घाटन सत्र की मेजबानी की. प्रोफेसर जाना ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि इस पहल का उद्देश्य शिक्षकों के विकास और सशक्तीकरण के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाना है. उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण सत्र शिक्षण विधियों को सुधारने और नवीनतम टूल्स से शिक्षकों को लैस करने के लिए डिजाइन किए गये हैं, ताकि वे अगली पीढ़ी के विद्यार्थियों को प्रेरित कर सकें.

14 तकनीकी सत्र और इंटरैक्टिव गतिविधियां शामिल

प्रोफेसर अरी ने बताया कि इस पांच दिवसीय कार्यक्रम में 14 तकनीकी सत्र और इंटरैक्टिव गतिविधियां शामिल हैं, जो शिक्षकों को नवीनतम शिक्षण तकनीकों और तकनीक के प्रभावी उपयोग पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करेंगी. कार्यक्रम के दौरान शिक्षक खुलकर विचार-विमर्श, प्रश्न पूछने और नेटवर्क बनाने के लिए प्रोत्साहित किये गये, ताकि उनकी शैक्षिक यात्रा और प्रभावी हो सके. प्रोफेसर स्वदेश कुमार प्रतिहार ने 50 घंटे के इस सतत प्रशिक्षण के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि शिक्षक केवल ज्ञान देने वाले नहीं बल्कि छात्रों की भावनात्मक भलाई और प्रेरणा के भी स्रोत हैं. प्रोफेसर अशोक कुमार तुरुक ने कहा कि तकनीक आधारित शिक्षा आवश्यक है, लेकिन यह पारंपरिक कक्षा की गहराई और मानव जुड़ाव की जगह नहीं ले सकती. उन्होंने शिक्षकों से कहा कि वे ब्लैकबोर्ड के पारंपरिक तरीकों को डिजिटल तकनीक के साथ मिलाकर शिक्षण को और अधिक प्रभावी बनायें. कार्यक्रम में योग्यता-आधारित लर्निंग, अनुभवात्मक शिक्षण, सामाजिक-भावनात्मक विकास, डिजिटल शिक्षा की सुरक्षा, क्वांटम कंप्यूटिंग, मिश्रित शिक्षण और व्यावसायिक उत्कृष्टता जैसे विविध विषय शामिल थे। इसका उद्देश्य जेएनवी शिक्षकों को नवीनतम कौशल और व्यावहारिक ज्ञान से लैस कर पीएम श्री पहल के जरिए स्कूल शिक्षा के राष्ट्रीय स्तर पर सुधार में योगदान देना है.

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