Rourkela News: डीएमआर 249ए रक्षा-ग्रेड स्टील के लिए आरएसपी को डीआरडीओ से मिला प्रमाणपत्र

Rourkela News: डीआरडीओ ने आरएसपी को रक्षा-ग्रेड डीएमआर 249ए स्टील के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण लाइसेंसिंग समझौता प्रमाणपत्र सौंपा है.

By BIPIN KUMAR YADAV | November 21, 2025 11:49 PM

Rourkela News: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अंतर्गत रक्षा धातुकर्मीय अनुसंधान प्रयोगशाला (डीएमआरएल) की ओर से हैदराबाद स्थित तम्हनकर सभागार में आयोजित एक समारोह में सेल, राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) को रक्षा-ग्रेड डीएमआर 249ए स्टील के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण लाइसेंसिंग समझौता (एलएटीओटी) प्रमाणपत्र औपचारिक रूप से सौंपा गया.

एक विशेष, उच्च-शक्ति एवं अत्यंत मजबूत स्टील है 249ए

आरएसपी की ओर से स्पेशल प्लेट प्लांट (एसपीपी) के महाप्रबंधक प्रभारी आरएस शर्मा और उप महाप्रबंधक (एसपीपी) डीएस दे ने ने इस प्रतिष्ठित दस्तावेज को प्राप्त किया. सचिव (डीडीआर एवं डी) तथा अध्यक्ष (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) डॉ समीर वी कामत ने डीएमआरएल द्वारा इन अत्याधुनिक रक्षा तकनीकों के स्वदेशी विकास की सराहना की. उल्लेखनीय है कि 249ए एक विशेष, उच्च-शक्ति एवं अत्यंत मजबूत स्टील है, जिसे देश की नौसैनिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए डीआरडीओ द्वारा बड़े परिश्रम और सूक्ष्मता के साथ से सावधानीपूर्वक विकसित किया गया है. यह स्टील नौसैनिक पोतों का मूल ढांचा तैयार करने में सहायक है और स्वदेशी युद्धपोतों व पनडुब्बियों के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देता है. डीएमआरएल की प्रयोगशाला में तैयार एक नमूने से लेकर 40 मिमी मोटी, पूर्णत: रोल्ड और हीट-ट्रीटेड प्लेट तक की यात्रा अत्यंत व्यापक रही है.

डीएमआरएल की वैज्ञानिक और सेल की विनिर्माण क्षमता का दिखता है अनूठा संगम

भिलाई इस्पात संयंत्र में ढाले गये स्लैब से लेकर राउरकेला इस्पात संयंत्र में तैयार हुई अंतिम प्लेट तक के सफर में डीएमआरएल की वैज्ञानिक दक्षता और सेल की विनिर्माण क्षमता का अनूठा संगम देखने को मिलता है. यह लैब-टू-इंडस्ट्री मॉडल का सर्वोत्तम उदाहरण है. इस उत्कृष्ट उत्पाद के विकास, परीक्षण, रोलिंग और गुणवत्ता सुनिश्चित करने में डीएमआरएल और सेल के असंख्य वैज्ञानिकों, अभियंताओं, तकनीशियनों और श्रमिकों के अथक प्रयास शामिल हैं. आरएसपी को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण लाइसेंसिंग समझौता (एलएटीओटी) प्रमाणपत्र का हस्तांतरण, रक्षा के महत्वपूर्ण क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में भारत की तीव्र गति से आगे बढ़ती यात्रा का एक महत्वपूर्ण प्रतीक भी है. यह हमारे देश की अग्रणी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संघठन (डीआरडीओ) और राष्ट्र की स्टील शक्ति का रीढ़ कही जानेवाली, सेल के बीच सफल और समन्वित साझेदारी का प्रतिनिधित्व करता है.

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