Bhubaneswar News: 70 साल पुराना रेल अंडरपास की छत से गिर रही कंक्रीट
Bhubaneswar News: ओडिशा-झारखंड सीमा पर बलानी खदान और टाउनशिप को जोड़ने के लिए बना अंडरपास जानलेवा बन गया है.
Bhubaneswar News: ओडिशा-झारखंड सीमा पर स्थित बलानी खदान और बलानी टाउनशिप को जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर स्थित 70 साल पुराना रेल अंडरपास अब गंभीर खतरे का कारण बन गया है. यह अंडरपास 1959-1961 के दौरान बलानी खदान स्टेशन के लिए रेल संपर्क स्थापित करने के लिए बनाया गया था. लेकिन आज यह खस्ताहाल स्थिति में पहुंच चुका है और देखरेख के अभाव में लगातार खतरनाक होता जा रहा है. स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि अंडरपास की छत से कंक्रीट के टुकड़े टूटकर गिरने लगे हैं. हाल ही में एक दोपहिया वाहन चालक की जान उस समय बच गयी, जब अचानक ऊपर से एक बड़ा कंक्रीट का टुकड़ा गिर पड़ा, लेकिन चालक ने समय रहते अपनी गाड़ी रोक दी, जिससे एक बड़ी दुर्घटना टल गयी.
बड़बिल-बलानी मुख्य मार्ग पर है स्थित
यह अंडरपास बड़बिल-बलानी मुख्य मार्ग पर स्थित है और यह मार्ग न केवल बलानी खदान को बल्कि राउरकेला और रांची जैसे बड़े शहरों से भी जोड़ता है. इसके ऊपर से हर दिन हजारों टन लौह अयस्क से लदी मालगाड़ियां गुजरती हैं. यह अंडरपास केवल जर्जर ही नहीं है, बल्कि यह बेहद संकीर्ण भी है, जिससे हर दिन छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं होती रहती हैं. बलानी विकास परिषद ने आरोप लगाया है कि बलानी खदान स्टेशन से दक्षिण-पूर्व रेलवे को सालाना करीब 800 से 1,000 करोड़ रुपये तक का राजस्व प्राप्त होता है. इसके बावजूद, रेलवे इस क्षेत्र के विकास की ओर बहुत ही कम ध्यान देता है.
अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे वरिष्ठ अधिकारी
बलानी विकास परिषद के संयोजक शुभाशीष नंद ने मांग की है कि इस अंडरपास का तत्काल चौड़ीकरण और मरम्मत कर इसे सुरक्षित बनाया जाये. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि रेलवे के निर्माण और यांत्रिकी विभाग स्थानीय जनता से जुड़े निर्माण कार्यों की सही निगरानी नहीं कर रहे हैं और संबंधित वरिष्ठ अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं.
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