Rourkela News: छात्र-छात्राओं ने नयाबाजार में सरकारी होम्योपैथिक कॉलेज के गेट पर जड़ा ताला, दिया धरना
Rourkela News: ऑल ओडिशा आयुष स्टूडेंट्स यूनियन का तालाबंदी आंदोलन शुरू हो गया है. छात्र-छात्राएं 19 दिनों से काला बैज लगा कर आंदोलनरत थे.
Rourkela News: ऑल ओडिशा आयुष स्टूडेंट्स यूनियन ने अपने आठ मांगों के समर्थन में सोमवार से ‘तालाबंदी’ आंदोलन शुरू कर दिया. सेक्टर 21 नयाबाजार में गवर्नमेंट होम्योपैथी कॉलेज के स्टूडेंट्स ने ऑफिस और गेट पर ताला लगा दिया और धरने पर बैठ गये. साथ ही चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे नहीं हटेंगे. उनकी मांगों में आयुष डॉक्टरों की नियुक्ति, पीजी और पीएचडी सीटें बढ़ाना, स्टाइपेंड बढ़ाना आदि शामिल हैं.
मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में मरीजों का इलाज हुआ प्रभावित
तालाबंदी की वजह से मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में सारा काम रुका पड़ा रहा. हालांकि मरीजों का इलाज इससे प्रभावित नहीं हुआ. आंदोलन को देखते हुए कॉलेज के सामने पुलिस तैनात कर दी गयी थी. गौरतलब है कि राज्य के सात सरकारी आयुर्वेद और होम्योपैथी (आयुष) स्टूडेंट्स और हाउस सर्जनों ने राज्य सरकार के प्रति लगातार अपने गुस्से और असंतोष का इजहार किया है. राज्य सरकार उनकी पुरानी मांगों को पूरा करने के लिए बार-बार वादे करने के बाद भी कोई कदम नहीं उठा रही है. 6 नवंबर से भुवनेश्वर, बरहमपुर, बलांगीर, पुरी, अंकुशपुर, राउरकेला और संबलपुर के सभी सरकारी आयुष कॉलेज के स्टूडेंट्स काले बैज पहनकर आयुष के प्रति राज्य सरकार की नाकामी के खिलाफ विरोध कर रहे थे.
प्रधानमंत्री, राज्यपाल व मुख्यमंत्री को सौंपा गया था ज्ञापन
इस संबंध में, राज्य आयुष छात्र कांग्रेस ने प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, केंद्रीय आयुष मंत्री, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और राज्य आयुष डायरेक्टर को एक ज्ञापन भी सौंपा था. जिसमें आरोप लगाया कि राज्य सरकार एलोपैथिक की तरह आयुष मेडिकल सेवाओं और शिक्षा व्यवस्था के लिए कोई तत्परता नहीं दिखा रही है. राज्य में कई सालों से आयुष शिक्षा और मेडिकल सेवाओं को नजरअंदाज किया गया है. नवीन पटनायक सरकार के दौरान भुवनेश्वर के लोअर पीएमजी में दो आयुष छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया था. उस समय के हेल्थ डिपार्टमेंट के अधिकारी ने आयुष स्टूडेंट्स की मांगों पर चर्चा की लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया. उस समय लोइसिंगा के विधायक और वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री डॉ मुकेश महलिंग ने आयुष स्टूडेंट्स की मांगों पर पूरा भरोसा जताया था और उस समय के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को एक पत्र देकर मांग की थी कि विद्यार्थियों की मांगों को पूरी किया जाये. वर्तमान सरकार ने अब तक कोई एक्शन नहीं लिया, जिससे सभी हैरान हैं.
सरकार की बेरुखी से नाराज थे विद्यार्थी
राज्य आयुष छात्र कांग्रेस और आयुष के अलग-अलग राज्यस्तरीय संगठन लंबे समय से सरकार से आठ बिंदुओं पर बातचीत कर रहे हैं, जिसमें राज्य में नये आयुष मेडिकल ऑफिसर का पद सृजित करना, आयुष पीजी और पीएचडी कोर्स की सीटों में बढ़ोतरी, हाउस सर्जन के लिए डायनामिक अलाउंस में बढ़ोतरी, सभी आयुष कॉलेजों में मैनेजमेंट कमेटियों का पूरा गठन, आयुष की तरक्की के लिए राज्य की हेल्थ पॉलिसी में आयुष इलाज के लिए खास बजट, हेल्थ सुविधाओं का इंतजाम, लोगों में आयुष हेल्थ के लिए जागरुकता अभियान और खास आयुष डिपार्टमेंट बनाना शामिल हैं. लेकिन, राज्य सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाए जाने से सोमवार से सभी आयुष कॉलेजों को बंद करने के साथ ही आंदोलन तेज हो गया है. सरकार की बेरुखी के कारण छात्रों ने काले बैज लगाकर विरोध किया, लेकिन सरकार के चुप रहने के बाद अब आयुष छात्रों का आंदोलन आगे बढ़ रहा है.
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