बढ़ने वाली हैं समीर वानखेड़े की मुश्किलें, मुंबई पुलिस के बाद अब यह मंत्रालय करेगा फर्जी दस्तावेजों की जांच

सामाजिक न्याय विभाग के मंत्री धनंजय मुंडे ने कहा है कि, अगर कोई उनकी जाति प्रमाण पत्र की वैधता पर आपत्ति करता है, और सामाजिक न्याय विभाग के पास शिकायत दर्ज करता है, तो विभाग मामले की जांच करेगा.

By Prabhat Khabar Print Desk | October 31, 2021 11:56 AM

Sameer Wankhede vs Nawab Malik: एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े की मुश्किले बढ़ सकती हैं. नवाब मलिक के बाद अब सामाजिक न्याय विभाग का भी उनपर शिकंजा कस सकता है. सामाजिक न्याय विभाग ने इसके संकेत भी दे दिए हैं. सामाजिक न्याय विभाग के मंत्री धनंजय मुंडे ने कहा है कि, अगर कोई उनकी जाति प्रमाण पत्र की वैधता पर आपत्ति करता है, और सामाजिक न्याय विभाग के पास शिकायत दर्ज करता है, तो विभाग मामले की जांच करेगा.

इधर, एनसीबी के जोनल निदेशक समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े और उनकी पत्नी क्रांति रेडकर वानखेड़े ने आज केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले से मुलाकात की. मुकालात में उन्होंने चल रहे विवाद पर अपना पक्ष रखा.

नवाब मलिक ने लगाया है आरोप: बता दें, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने ने आरोप लगाया है कि समीर वानखेड़े का जन्म मुस्लिम परिवर में हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया है कि दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा कर वानखेड़े ने संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षा पास की है. उन्होंने आरक्षण का लाभ लेने के लिए अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाया है.

समीर वानखेड़े ने धर्म परिवर्तन नहीं किया: मंत्री नवाब मलिक ने कहा है कि, समीर वानखेड़े ने कोई धर्म परिवर्तन नहीं किया, वो जन्म से मुसलमान हैं. मलिक ने कहा कि समीर के पिता ने धर्म परिवर्तन किया था.नवाब मलिक ने कहा कि वो अपने बयान पर अब भी कायम हैं कि सर्टिफिकेट में फर्जीवाड़ा कर वो पद पर बैठे हैं. मलिक ने कहा कि वानखेड़े ने गरीब एससी का हक छीना है.

वहीं, मंत्री नवाब मलिक ने अरुण हलदर से कहा है कि अपने पद की गरिमा को बरकरार रखें. उन्होंने हलदर से कहा कि वो अपने बयान पर अब भी कायम है कि वानखेड़े ने फर्जी तरीके से दस्तावेज बनाकर नौकरी हासिल की है. गौरतलब है कि अरुण हलदर ने शनिवार को मीडिया के सामने कहा था कि समीर वानखेड़े ने कोई धर्म परिवर्तन नहीं किया.

Posted by: Pritish Sahay

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