कल सुबह 10 बजे हाइड्रोजन बम फोड़ेंगे नवाब मलिक, देवेंद्र फडनवीस का अंडरवर्ल्ड से रिश्तों का करेंगे खुलासा

नवाब मलिक ने आगे कहा कि देंवेंद्र फडणवीस द्वारा मेरे खिलाफ झूठ का आडंबर खड़ा किया गया है. अगर झूठ बोलो तो ढंग से बोलो. उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस ने अंडरवर्ल्ड का खेल शुरू किया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 9, 2021 2:54 PM

मुंबई : महाराष्ट्र के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता नवाब मलिक ने मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस के अंडरवर्ल्ड के साथ रिश्ते को लेकर लगाए गए आरोप को लेकर पलटवार किया है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडनवीस ने उन पर जो भी आरोप लगाए हैं, वह झूठ का पुलिंदा है और उनकी छवि को धुमिल करने की कोशिश है. उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडनवीस ने बम फोड़ने की बात कही थी, लेकिन उन्होंने वह खुलासा नहीं किया. कल 10 बजे मैं मुंबई में हाईड्रोजन बम गिराऊंगा, जिसमें यह बताऊंगा कि देवेंद्र फडनवीस का अंडरवर्ल्ड से कैसे रिश्ते हैं.

नवाब मलिक ने आगे कहा कि देंवेंद्र फडणवीस द्वारा मेरे खिलाफ झूठ का आडंबर खड़ा किया गया है. अगर झूठ बोलो तो ढंग से बोलो. उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस ने अंडरवर्ल्ड का खेल शुरू किया है. उन्होंने कहा था कि वह दिवाली के बार बम फोड़ेंगे. अब मैं कहता हूं कि कल सुबह 10 बजे मैं अंडरवर्ल्ड का हाइड्रोजन बम फोडूंगा.

उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडनवीस मुंबई के जिस 1993 के बम धमाके के गुनाहगारों के साथ मेरे संबंध के बारे में जिक्र कर रहे हैं, तो मैं बता दूं कि मेरे अंडरवर्ल्ड से किसी प्रकार के रिश्ते नहीं थे. उन्होंने कहा कि जिस जमीन की चर्चा हो रही है, वहां उनका परिवार पहले से ही किराएदार था. बाद में उसका मालिकाना हक लिया गया.

नवाब मलिक ने आगे कहा कि जिस जमीन की चर्चा की जा रही है, उस पर कॉपरेटिव सोसाइटी है, जो 1994 में बनी थी. उसे गोवा वाला कंपाउंड के नाम से जाना जाता है. वहीं पर हमारा गोदाम है, जो 30 साल की लीज पर था. उन्होंने कहा कि 1996 में मुंबई में शिवसेना-भाजपा की सरकार थी. 9 नवंबर का ही दिन था, जब चौंकाने वाला नतीजा सामने आया था. उस दिन नवाब मलिक ने उपचुनाव जीता था.

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उन्होंने कहा कि उसी जगह मेरा कार्यालय था. मैं चुनाव जीतने के बाद उसी कार्यालय में जश्न मनाया था. हम पहले से वहां किराएदार हैं. उन्होंने कहा कि जमीन की मालकिन ने हमसे संपर्क किया था कि वे लीज की जमीन का मालिकाना हक हमको देना चाहती हैं. इसके बाद जिसके बाद पावर ऑफ अटॉर्नी थी, हमने पैसा देकर उससे जमीन ली. उन्होंने कहा कि हमने कौड़ियों के भाव जमीन नहीं खरीदी, बल्कि उसे बाजार भाव से पैसे दिए, जिसका स्टांप पेपर आज भी मौजूद है.

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