Maharashtra: गुजराती-राजस्थानी वाले बयान पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मांगी माफी, जानें पूरा मामला

Maharashtra: महाराष्ट्र के राज्यपाल बीएस कोश्यारी ने गुजराती और राजस्थानी को लेकर दिए गए अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी है. उन्होंने कहा, महाराष्ट्र के महान संतों की परंपरा में अपने इस विनम्र सेवक को क्षमा कर अपनी विशाल ह्रादयता का परिचय देंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 1, 2022 9:14 PM

Maharashtra: महाराष्ट्र के राज्यपाल बीएस कोश्यारी ने सोमवार को अपनी उस टिप्पणी के लिए माफी मांग ली है, जिसमें उन्होंने कहा था की गुजराती और राजस्थानी नहीं रहेंगे, तो मुंबई वित्तीय राजधानी नहीं रहेगी. बता दें कि उनके इस टिप्पणी को लेकर महाराष्ट्र में सियासी बवाल हुआ था और उनसे लगातार इसके लिए माफी मांगे जाने की मांग की जा रही थी.

निजी ट्वीटर पर शेयर किया गया माफीनामा

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपने निजी ट्विटर पर शेयर किए गए निवेदन में लिखा है कि विगत 29 जुलाई को एक सार्वजानिक कार्यक्रम में मुंबई में विकास में कुछ समुदायों के योगदान की प्रशंसा करने में संभवतया मेरी और से कुछ चूक हो गई. महाराष्ट्र ही नहीं , समस्त भारतवर्ष में विकास में सभी का योगदान रहता है. विशेषकर संबंधित प्रदेश की उदारता व सबको लेकर की उज्जवल परम्परा से ही आज देश प्रगति की ओर बढ़ रहा है. विगत लगभग तीन वर्षों में महाराष्ट्र की जनता का मुझे अपार प्रेम मिला है. मैंने महाराष्ट्र और मराठी भाषा के सम्मान बढ़ने का पूरा प्रयास किया है. किंतु उक्त भाषण में मुझसे अनायास कुछ भूल हो गई हो तो महाराष्ट्र जैसे महान प्रदेश की अवमानना के रूप में लेने की तो कल्पना भी नहीं की जा सकती. महाराष्ट्र के महान संतों की परंपरा में अपने इस विनम्र सेवक को क्षमा कर अपनी विशाल ह्रादयता का परिचय देंगे.


जानें पूरा मामला

उल्लेखनीय है कि बीते 29 जुलाई को मुंबई के पश्चिमी उपनगर अंधेरी में एक समारोह के दौरान अपने संबोधन में राज्यपाल बीएस कोश्यारी ने कहा था कि मैं यहां के लोगों को बताना चाहता हूं कि अगर गुजरातियों और राजस्थानियों को महाराष्ट्र, खास तौर पर मुंबई और ठाणे से हटा दिया जाए, तो आपके पास पैसे नहीं रहेंगे और न ही मुंबई वित्तीय राजधानी बनी रह पाएगी. बाद में इस टिप्पणी को लेकर हुए विवाद के बाद राज्यपाल ने कहा कि उनकी टिप्पणियों को गलत समझा गया है. उन्होंने कहा कि उनका मराठी भाषी लोगों की कड़ी मेहनत को कमतर करने का कोई इरादा नहीं था.

Also Read: Maharashtra: उद्धव ठाकरे का BJP पर वार, कहा- जब हमारा वक्त आएगा तो सोचिए आपका क्या होगा

Next Article

Exit mobile version