MP राजनीति में नया ट्विस्ट : इस्तीफे की बात ‘सुनकर’ बोल रहे सिंधिया गुट के विधायक, वीडियो वायरल

MP के विधायकों को बंधक बनाने के कांग्रेसी दावों के बीच पूर्व मंत्री Imarti Devi का एक वीडियो आया है. वीडियो के आते ही congress भाजपा पर हमलावर हो गयी है. कांग्रेस ने कहा है कि भाजपा चुनी हुई कमलनाथ सरकार को गिराने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है.

By AvinishKumar Mishra | March 16, 2020 9:01 AM

भोपाल : एमपी के विधायकों को बंधक बनाने के कांग्रेसी दावों के बीच पूर्व मंत्री इमरती देवी का एक वीडियो आया है. वीडियो के आते ही कांग्रेस भाजपा पर हमलावर हो गयी है. कांग्रेस ने कहा है कि भाजपा चुनी हुई कमलनाथ सरकार को गिराने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है.

क्या है वीडियो में- इमरती ने सोशळ मीडिया पर एक वीडियो जारी किया है, जिसमें वे आरोप लगा रही है कि कमलनाथ सरकार उनके परिवार को तंग कर रही है. वीडियों में ही इमरती के बोलने से पहले एक हल्की आवाज आ रही है, जिसमें इमरती को क्या-क्या बोलना है, वो सिखाया जा है.

इमरती देवी मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार में पूर्व मंत्री रही हैं. वे ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट की नेता मानी जाती है. सिंधिया के कांग्रेस ठोडने के बाद ही इमरती भी इस्तीफा दे दी थी.

गणतंत्र दिवस पर नहीं पढ़ पायी थी भाषण– इमरती देवी का इससे पहले भी एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमे वे गणतंत्र दिवस पर अपना भाषण नहीं पढ़ पायी थी.

विश्वास मत पर संशय बरकरार – राज्यपाल के निर्देश के बाद भी विधानसभा की कार्यसूची में सोमवार को विश्वास मत जिक्र नहीं किया गया है. ऐसे में माना जा रहा है कि आज विश्वास मत नहीं होगा. वहीं, देर रात मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की. राजभवन के बाहर कमलनाथ ने कहा कि बैंगलुरू के कैद विधायक को राज्यपाल लायें और विश्वास मत हो जाये.

कोरना सरकार का बहाना– विश्वासमत से पहले कमलनआथ सरकार ने बड़ा दाव खेलते हुए अपने सभी विधायकों के कोरोना टेस्ट कराये, जिसके बाद सरकार ने कहा हमारे दो विधायक कोरोना से पीड़ित है, इसलिए स्तर को आगे बढ़ाया जाये.

सीटों का गणित– राज्य में विधानसभा की 230 सीटें हैं, जिनमें से दो सीट विधायकों के निधन के कारण खाली है. वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने के बाद 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है.अगर सभी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो, राज्य की विधानसभा में 206 विधायक बचेंगे. वहीं भाजपा के पास 106 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास सिर्फ 98 विधायक हैं.

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