MP: शिवराज कैबिनेट ने लव जिहाद पर ‘धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश- 2020′ को दी मंजूरी

भोपाल : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट ने ‘लव जिहाद’ (love jihad) को रोकने के लिए सख्त कानून 'धर्म स्वतंत्र' विधेयक को राज्य में अध्यादेश के तौर पर लागू करने की मंजूरी दे दी है. अब इस अध्यादेश (Ordinance) को मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा जायेगा. राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद यह पूरे राज्य में लागू हो जायेगा. इस अध्यादेश के तहत राज्य में साजिश के तहत धर्मांतरण करने और कराने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 29, 2020 12:28 PM

भोपाल : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट ने ‘लव जिहाद’ (love jihad) को रोकने के लिए सख्त कानून ‘धर्म स्वतंत्र’ विधेयक को राज्य में अध्यादेश के तौर पर लागू करने की मंजूरी दे दी है. अब इस अध्यादेश (Ordinance) को मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा जायेगा. राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद यह पूरे राज्य में लागू हो जायेगा. इस अध्यादेश के तहत राज्य में साजिश के तहत धर्मांतरण करने और कराने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है.

इस मामले में दोषी को अधिकतम 10 साल तक की सजा हो सकती है और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को ही बताया था कि सरकार ‘लव जिहाद’ के खिलाफ उत्तर प्रदेश की तर्ज पर सख्त कानून बनाने के लिए मंगलवार को ‘मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020′ लायेगी.

इस अध्यादेश के जरिए शादी तथा किसी अन्य कपटपूर्ण तरीके से किए गए धर्मांतरण के मामले में अधिकतम 10 साल की कैद एवं एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. शिवराज ने संवाददाताओं को बताया कि मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक-2020 समेत जितने भी विधेयक विधानसभा सत्र स्थगित होने के कारण हम सदन में नहीं ला पाए, कल मंगलवार को मंत्रिमंडल की विशेष बैठक में अध्यादेश के माध्यम से उन्हें लागू करेंगे.

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उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कानून तत्काल प्रभाव से लागू हो जायेंगे. मालूम हो कि मध्यप्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल ने कथित ‘लव जिहाद’ के खिलाफ सख्त कानून बनाने के लिए 26 दिसंबर को ‘मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक-2020′ को मंजूरी दी थी. इस विधेयक में शादी तथा किसी अन्य कपटपूर्ण तरीके से किये गये धर्मांतरण के मामले में अधिकतम 10 साल की कैद एवं एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है.

इस विधेयक को 28 दिसंबर से शुरू होने वाले मध्यप्रदेश विधानसभा के तीन दिवसीय सत्र में पेश कर पारित करवाना था, लेकिन कोविड-19 की मौजूदा स्थिति के चलते इस सत्र को रविवार को स्थगित कर दिया गया है. इसलिए अब सरकार अध्यादेश लाकर इसे राज्य में लागू करने का मन बनाया है. यह अध्यादेश कुछ मायनों में पिछले महीने उत्तर प्रदेश की भाजपा नीत सरकार द्वारा अधिसूचित ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020’ के समान है, क्योंकि उसमें भी जबरन धर्मांतरण करवाने वाले के लिए अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है.

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इस अध्यादेश के आने के बाद कोई भी व्यक्ति दूसरे को प्रलोभन, धमकी एवं बलपूर्वक विवाह के नाम पर अथवा अन्य कपटपूर्ण तरीके से प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष से उसका धर्म परिवर्तन अथवा धर्म परिवर्तन का प्रयास नहीं कर सकेगा. इसके बाद कोई भी व्यक्ति धर्म परिवर्तन का षड्यंत्र नहीं कर सकेगा.

भाषा इनपुट के साथ

Posted By: Amlesh Nandan.

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