प्राकृत व्याकरण व सुंदरकांड की प्रति भेंट की
प्राकृत व्याकरण व सुंदरकांड की प्रति भेंट की
By Prabhat Khabar News Desk |
November 20, 2025 9:37 PM
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सिमडेगा. आचार्य पद्मराज स्वामी जी महाराज ने उपायुक्त कंचन सिंह को अपने नवीन ग्रंथ ‘प्राकृत व्याकरण’ व ‘सुंदरकांड’ की प्रति भेंट की. मौके पर प्राकृत भाषा व साहित्य को लेकर दोनों के बीच सारगर्भित चर्चा हुई. उपायुक्त ने विश्वविद्यालयों में प्राकृत की वर्तमान स्थिति और उसके अध्ययन को लेकर जिज्ञासा व्यक्त की. आचार्य ने बताया कि प्राकृत एक समृद्ध व विशाल भाषा परिवार है, जिसमें भगवान बुद्ध, महावीर समेत अनेक महापुरुषों ने अपने उपदेश दिये. उन्होंने कहा कि प्राकृत साहित्य धर्म, अध्यात्म, काव्य, संगीत, स्थापत्य, ज्योतिष, गणित व चिकित्सा जैसे विषयों के कालजयी सूत्रों से भरा हुआ है, जिसके अध्ययन के लिए सरल व्याकरण का ज्ञान आवश्यक है. उन्होंने बताया कि प्रस्तुत व्याकरण ग्रंथ हेमचंद्राचार्य के प्राकृत व्याकरण पर आधारित है. उपायुक्त कंचन सिंह ने प्राकृत की समृद्ध परंपरा पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस भाषा का व्यापक प्रचार-प्रसार होना चाहिए तथा शिक्षण संस्थानों में इसे प्रमुखता से पढ़ाया जाना चाहिए. आचार्य जी ने बताया कि अर्धमागधी, शौरसेनी, महाराष्ट्री, पैशाची, मागधी, पाली और शिलालेखी आदि भाषाएं प्राकृत के अंतर्गत आती हैं. यह कभी आम जनता की भाषा थी, जो आगे चल कर समृद्ध साहित्य की भाषा बन गयी. उन्होंने उल्लेख किया कि तुलसीदास ने भी रामचरितमानस में अनेक स्थलों पर प्राकृत शब्दों का प्रयोग किया है. इस दौरान साध्वी वसुंधरा जी और सुधीर जैन ने उपायुक्त को गुरुकुल की गतिविधियों से अवगत कराया. इस दौरान साध्वी वसुंधरा जी और सुधीर जैन ने उपायुक्त को गुरुकुल की गतिविधियों से अवगत कराया.
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