World Bicycle Day: शान की सवारी, अब बनी सेहत की सवारी, फिर से युवाओं में बढ़ने लगा है साइकिल का क्रेज

World Bicycle Day: साइकिल जिसे पहले लोग शान की सवारी मानते थे. अब उसे स्वास्थ्य की सवारी माना जाता है. क्योंकि साइकिलिंग से शरीर स्वस्थ रहता है. आज 3 जून को विश्व साइकिल दिवस के अवसर पर पढ़िये यह विशेष लेख.

By Rupali Das | June 3, 2025 12:25 PM

World Bicycle Day | सरायकेला-खरसावां, शचिंद्र कुमार दाश: एक जमाने में जिस साइकिल की सवारी को लोग अपनी शान समझते थे, अब वही साइकिल स्वास्थ्य के लिए जरूरी हो गई है. चिकित्सक बताते हैं कि साइकिल चलाने से अच्छी दूसरी कोई कसरत नहीं है. यह शरीर के सभी जोड़ों का उपयोग कराती है. दिल, फेफड़ों और दिमाग को तरोताजा करने का काम करती है.

अब फिर से साइकिल का क्रेज बढ़ा है. मध्यम श्रेणी के साथ-साथ अब अव्वल श्रेणी में रहने वाले लोग भी सेहत की खातिर साइकिल चला रहे हैं. साइकिलिंग, शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहतर है ही, साथ ही पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए भी अनुकूल है. यह दिन साइकिलिंग के उपयोग को समझने के लिए भी प्रोत्साहित करता है.

साइकिलिंग के फायदे: वजन होगा कम, तनाव भी घटेगा

शरीर का वजन कम करने में साइकिलिंग काफी फायदेमंद है. इससे कैलोरी बर्न होती है, जो वजन घटाने में मददगार है. एक रिसर्च के अनुसार लगभग छह महीने तक साइकिल चलाने से 12 फीसदी वजन को कम किया जा सकता है. साइकिल चलाना अपने आप में एक तरह का एरोबिक व्यायाम है.

यह व्यायाम मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में काफी मददगार होता है. इससे तनाव, अवसाद या चिंता के लक्षण कम करने में मदद मिलती है. स्वच्छ हवा में साइकिलिंग करने से मन को शांति मिलती है. साइकिल चलाने से मधुमेह में भी फायदा होता है. साइकिलिंग से शरीर में तेजी से इन्सुलिन का स्तर कम होता है.

झारखंड की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

खरसावां विधायक की दिनचर्या में शामिल है साइकिलिंग

सुबह के समय साइकिलिंग करते विधायक दशरथ गागराई

साइकिलिंग खरसावां विधायक दशरथ गागराई के दिनचर्या में शामिल है. स्कूल के दिनों से ही दशरथ गागराई साइकिल चलाने के शौकिन रहे हैं. दशरथ, स्कूल से लेकर कॉलेज तक अपने जमाने के अच्छे साइक्लिस्ट रहे हैं. उन्होंने अविभाजित बिहार राज्य में प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर मेडल भी जीते है. तीन बार विधायक बनने के बाद भी उन्होंने साइकिल का साथ नहीं छोड़ा.

विधायक बताते हैं कि शरीर को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के लिए साइकिल चलाना है. रोजाना व्यायाम करने के साथ साथ वह साइकिलिंग भी करते हैं. दशरथ गागराई का मानना है कि साइकिल चलाने से पूरे शरीर का व्यायाम हो जाता है. शरीर फिट रहती है. यह शरीर के संपूर्ण व्यायाम के लिए बहुत ही अच्छा विकल्प है. विधायक दशरथ न सिर्फ साइकिल चलाते हैं, बल्कि अलग खेल प्रतियोगिताओं में साइकिलिंग को प्रोत्साहित करने के लिये शामिल भी होते हैं.

इसे भी पढ़ें RIMS में 4 साल से एमआरआई मशीन खराब, हेल्थ मैप में भी नहीं हो रही जांच, मरीज परेशान

रोजाना साइकिल चलाते हैं 79 वर्षीय कमल साहू

साइकिल चलाते कमल साहू

कुचाई के बंदोलौहर गांव के कमल साहू के लिये साइकिल शान की सवारी है. 79 वर्षीय कमल साहू अब भी अपने गांव से खरसावां या कुचाई तक आने जाने के लिये साइकिल पर ही चलते है. आर्थिक संपन्नता के घर पर बाइक रहने के बावजूद भी वह साइकिल से चलना ही पसंद करते है. इस उम्र में भी वह साइकिल से चाईबासा व सरायकेला तक भी आना-जाना कर लेते हैं. नियमित साइकिल चलाने के कारण ही 79 के उम्र में भी वह स्वस्थ्य है. रोजाना साइकिल चलाते हैं.

कमल साहू के अनुसार इसमें बिना खर्च हम अपने गंतव्य तक आ जा सकते हैं. शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखने अलग से व्यायाम करने की आवश्यकता नहीं पड़ती. कमल साहू 60 के दशक में जिला स्तर पर आयोजित होने वाले साइकिल रेस व साइकिल स्लो के खेलों में कई बार मेडल जीत चुके हैं.

इसे भी पढ़ें Corona Virus: झारखंड में बढ़ रहे कोरोना केस, सरकार सतर्क, सभी जिलों को दिये गये निर्देश

साइकिल से चल रहा है राजेन गोप का कारोबार

साइकिल से चलते राजेन गोप

चांडिल के पितकी गांव निवासी 52 वर्षीय राजेन गोप का कारोबार साइकिल से ही चलता है. वह रोजना 8-10 किमी साइकिल से चल कर अपना व्यवसाय चलाते हैं. राजेन गोप अपना सारा कामकाज सुबह से लेकर शाम तक साइकिल से ही करते हैं. लोगों से आसानी से मिलता जुलना हो जाता है. घर पर मोटरसाइकिल होने के बावजूद भी उसे हाथ भी नहीं लगाया है. उन्होंने बताया कि साइकिल चलाने से शरीर और मन को ताजगी मिलती है. साथ ही दिन भर पूरी एनर्जी भी मिलती है.

सुबह साइकिल पर घुमने निकलते हैं उचित कालिंदी

चौका के मुरसीबेड़ा के उचित कालिंदी स्कूल लाइफ से ही साइकिल चला रहे हैं. साइकिलिंग से तनाव दूर होता है और एकाग्रता बढ़ती है. सुबह साइकिल चलाने से शरीर और मन को ताजगी मिलती है. इसलिए रोज साइकिल चलाते हैं. साइकिलिंग करने से शरीर सुगठित तो होता ही है. एक्स्ट्रा फूर्ति भी लगती है. इससे पैसे की बचत के साथ ही साथ पर्यावरण का संरक्षण भी होता है.

इसे भी पढ़ें Jharkhand Bandh: सिरमटोली रैंप विवाद में 4 जून को झारखंड बंद का ऐलान, आज निकलेगा मशाल जुलूस

संसाधन की व्यवस्था हो तो साइकिलिंग में भी मिलेगा मेडल : संजय चौधरी

सरायकेला-खरसावां में साइकिलिंग संघ की ओर से साइकिलिंग को बढ़ावा देने के लिये लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. संघ के अध्यक्ष संजय चौधरी ने बताया कि साइकिलिंग के प्रति बच्चे व युवाओं का रुझान जगाने के लिये नियमित रुप से जागरुकता कार्यक्रम भी आयोजित की जाती है. इसका असर भी दिखाई दे रहा है. जिला के एक दर्जन से अधिक साइकिलिस्ट प्रदेश स्तर के प्रतियोगिताओं में भाग ले चुके है. इनमें से कई साइकिलिस्टों ने मेड़ल भी जीते है. संसाधनों की कमी के कारण साइकिलिंग को आगे बढ़ाने में परेशानी आ रही है. अगल प्रशासनसे संसाधन मिले तो साइकिलिंग के क्षेत्र में जिला को बड़ी उपलब्धि मिल सकती है.

प्रतिदिन तीस मिनट की साइकिलिंग स्वास्थ्य वर्धक

फिजिशियन डॉ सुशील महतो बताते हैं कि साइकिल से पैर, कूल्हे, पेट, कंधों की कसरत होती है. वहीं, साइकिल दिल, दिमाग और फेफड़ों को तरोताजा करने का काम करती है. साइकिलिंग स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है. लेकिन इसकी भी समय सीमा होनी चाहिए. बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रतिदिन तीस मिनट की साइकिलिंग संतोषजनक है. सुबह-सुबह साइकिल चलाना अधिक फायदेमंद होता है.

इसे भी पढ़ें झारखंड के मजदूर की मलेशिया में संदेहास्पद मौत, परिवार ने सरकार से लगाई शव वापस लाने की गुहार

ओल्ड इज गोल्ड

साइकिल की दुकान

बाजार में एवन कंपनी की एलीफेंट, जेननाथ, डान, मिग और हीरो कंपनी की स्प्रिंट, फैंसी और मांक समेत कई अन्य मॉडल बाजार में हैं. साइकिल कारोबारी रतन साहू बताते हैं कि युवा वर्ग स्टाइलिश साइकिलें पसंद करते हैं. जबकि 40-45 आयु वर्ग के लोग देसी साइकिल पसंद कर रहे हैं. लोगों ने साइकिल का खूब इस्तेमाल किया. बाजार में चार हजार रुपये से लेकर दस हजार रुपये तक की साइकिल उपलब्ध है.

गियर साइकिल की बढ़ी मांग

बाजार में गियर वाली साइकिल की मांग भी बहुत है. इस साइकिल में सात से लेकर इक्कीस तक गियर लगा होता है. जैसे जैसे गियर को बढ़ाया जाता है, इसकी रफ्तार भी बढ़ती जाती है. गियर की वजह से इसको चलाना काफी आसान हो जाता है. ऊंचाई पर चढ़ने के लिए गियर काफी सहायता करता है. जिसकी वजह से बिना गियर वाली साइकिल की अपेक्षा इसके सहारे आसानी से ऊंचाई पर चढ़ा जा सकता है. बाजार में इसकी कीमत 8 हजार से लेकर 35 हजार तक है.

इसे भी पढ़ें खुशखबरी: झारखंड में मातृ मृत्यु दर हुआ कम, शिशु मृत्यु दर में भी सुधार, कई राज्यों से बेहतर आयी रिपोर्ट

इलेक्ट्रिक साइकिल का क्रेज

वर्तमान में बाजार में इलेक्ट्रिक साइकिल की मांग सबसे ज्यादा है. इसमें एक बैटरी लगी होती है, जो एक बार फुल चार्ज करने पर 60 किलोमीटर तक चलती है. इसकी रफ्तार 28 किलोमीटर प्रति घंटा है. यह एक्सीलेटर से तो चलती ही है, साथ ही इसके हल्की होने के कारण इसे साइकिल मोड में भी चलाया जाता है. फिटनेस के लिए भी कई लोग इसे लेना पसंद करते हैं. इसकी कीमत 28 हजार से लेकर 40 हजार रुपए तक है.

कब से शुरू हुआ साइकिल दिवस मनाना

World bicycle day

संयुक्त राष्ट्र द्वारा पहला आधिकारिक विश्व साइकिल दिवस तीन जून 2018 को मनाया गया था. यह दिवस परिवहन के एक सरल, किफायती, भरोसेमंद, स्वच्छ और पर्यावरणीय रूप से फिट टिकाऊ साधनों को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है. साइकिल परिवहन का स्वच्छ तथा सस्ता माध्यम है. इससे किसी भी किस्म का पर्यावरण प्रदूषण नहीं होता और यह फिटनेस की दृष्टि से भी उपयोगी है.

इसे भी पढ़ें

Shravani Mela: श्रावणी मेले में सुरक्षा व्यवस्था के होंगे पुख्ता इंतजाम, 200 एआई कैमरे और 10 ड्रोन से की जायेगी निगरानी

आज वार्षिक पड़हा जतरा समारोह में शामिल होंगे सीएम हेमंत सोरेन, कई अन्य मंत्री भी करेंगे शिरकत

Dhanbad News: एक साथ उठी दो चेचेरे भाइयों की अर्थी, गम में डूबी कांड्रा बस्ती