विश्व कल्याण के लिए बांकसाई गढ़ में श्री श्री 108 जगत कल्याण अर्धनारीश्वर महायज्ञ का आयोजन

सरायकेला (शचीन्द्र कुमार दाश) : सरायकेला के बांकसाईगढ़ स्थित शिव मंदिर प्रांगण में एक दिवसीय श्री श्री 108 जगत कल्याण अर्धनारीश्वर महायज्ञ का कार्यक्रम किया गया. इस महायज्ञ की शुरुआत कलश स्थापना के साथ की गयी. मौके पर गांव की महिलाओं ने माथे पर कलश लेकर मंदिर परिसर पहुंची एवं कलश स्थापित की. कोरोना के कारण सादगी के साथ कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 27, 2020 6:22 PM

सरायकेला (शचीन्द्र कुमार दाश) : सरायकेला के बांकसाईगढ़ स्थित शिव मंदिर प्रांगण में एक दिवसीय श्री श्री 108 जगत कल्याण अर्धनारीश्वर महायज्ञ का कार्यक्रम किया गया. इस महायज्ञ की शुरुआत कलश स्थापना के साथ की गयी. मौके पर गांव की महिलाओं ने माथे पर कलश लेकर मंदिर परिसर पहुंची एवं कलश स्थापित की. कोरोना के कारण सादगी के साथ कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

Also Read: बिहार जा रहे झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के काफिले में शामिल कार दुर्घटनाग्रस्त, दो सुरक्षाकर्मी घायल

कलश स्थापना के बाद वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सूर्य पूजा व गौ माता की पूजा कीं. इसके बाद देवाधिदेव महादेव का रुद्राभिषेक किया गया. इन सभी रस्मों को निभाने के बाद एक महाकुंड बना कर विश्व शांति व जगत कल्याण के लिये अर्धनारीश्वर महायज्ञ किया गया. इस दौरान आयोजन समिति के प्रमुख मनोज सिंहदेव समेत अन्य भक्तों ने हवन किया. दिनभर चले इस धार्मिक अनुष्ठान में मुख्य रूप से तारापद साहू, जयंत कुमार महापात्र, नीरज षाडंगी, जोगेश्वर महापात्र, शैलेश महापात्र, अश्विनी सिंहदेव एवं प्रकाश महतो सहित अन्य भक्त भी उपस्थित रहे.

Also Read: असम में अख्तर बनकर मुस्लिम युवती से शादी रचानेवाला झारखंड का बुद्धदेव अब धर्म परिवर्तन का क्यों डाल रहा दबाव, पढ़िए ये रिपोर्ट

जगत कल्याण अर्धनारीश्वर महायज्ञ में पहुंचे भक्तों ने सोशल डिस्टैंसिंग का अनुपालन किया. इस वर्ष कोरोना को लेकर सादगी के साथ जगत कल्याण अर्धनारीश्वर महायज्ञ का आयोजन हुआ. कोरोना महामारी के कारण भजन-कीर्तन व प्रवचन का आयोजन नहीं किया गया.

Also Read: Lalu Prasad Hearing LIVE : Lalu Yadav जेल से बाहर आएंगे या पूरी करनी होगी सजा, फैसला अब 11 दिसंबर को, जानिए क्यूं टली सुनवाई

Posted By : Guru Swarup Mishra

Next Article

Exit mobile version