Seraikela Kharsawan News : रावणकोचा से पांच दूर है मतदान केंद्र, ज्यादातर मतदाता नहीं कर पाते वोट
राजनगर. लोकतंत्र के पर्व में भाग लेने के लिए ग्रामीणों को जोखिम उठाना पड़ता है
राजनगर.
राजनगर प्रखंड के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र रावणकोचा गांव के करीब 300 मतदाताओं के लिए चुनाव का दिन कठिन परीक्षा होती है. लोकतंत्र के पर्व में भाग लेने के लिए ग्रामीणों को जोखिम उठाना पड़ता है. रावणकोचा गांव जंगल और पहाड़ों से घिरा है. मतदाताओं को पाटाकोचा मध्य विद्यालय के मतदान केंद्र में पहुंचने के लिए राजनगर बाजार होते हुए लगभग 8 किलोमीटर चलना पड़ता है. वहीं, पहाड़ चढ़कर जाने पर रास्ता करीब 5 किलोमीटर है. यह दूरी पैदल तय करने में सामान्य दिनों में दो से ढाई घंटे लग जाते हैं. बारिश और तेज गर्मी में परेशानी बढ़ जाती है.महिलाओं और बुजुर्गों के लिए परेशानी अधिक
रावणकोचा के ऊबड़-खाबड़ रास्ते, फिसलन भरीं चट्टानें और खड़ी पहाड़ी ढलान महिलाओं और वृद्ध मतदाताओं के लिए बड़ी चुनौती हैं. कई लोग आधे रास्ते में थककर बैठ जाते हैं. कुछ जोखिम के कारण मतदान नहीं करते हैं. ग्रामीण बताते हैं कि लंबी दूरी की वजह से हर चुनाव में कई मतदाता वोट डालने से वंचित रह जाते हैं.नौका और गम्हरिया मतदान केंद्र को विकल्प बनाने की मांग
ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन मतदान केंद्र बदलने पर विचार करे. रावणकोचा से मात्र दो किलोमीटर की दूरी पर उत्क्रमित मध्य विद्यालय नौका में मतदान केंद्र है. वहां जाने के लिए कच्चा मार्ग मौजूद है. इसके अलावा बालिका मध्य विद्यालय गम्हरिया करीब चार किलोमीटर दूरी पर है, जो वर्तमान केंद्र की तुलना में काफी सुविधाजनक साबित होगा. केंद्र बदलने से मतदान प्रतिशत में वृद्धि होगी. ग्रामीणों ने जिला प्रशासन एवं चुनाव आयोग से मांग की है कि जल्द समाधान निकाला जाये. उनका कहना है कि नजदीक में मतदान केंद्र स्थापित होने से ग्रामीणों का उत्साह बढ़ेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
