Seraikela Kharsawan News : आदिवासी समाज के लोगों ने किया शक्ति प्रदर्शन
कुड़मी समाज को एसटी में शामिल कराने की मांग के विरोध में बोड़ पीड़ माझी परगना महल सिंञ दिशोम के परगना राजेश टुडू के नेतृत्व में आदिवासी समाज के विभिन्न समुदाय के लोगों ने सोमवार को गम्हरिया प्रखंड मुख्यालय में जनाक्रोश रैली सह धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया.
गम्हरिया.
कुड़मी समाज को एसटी में शामिल कराने की मांग के विरोध में बोड़ पीड़ माझी परगना महल सिंञ दिशोम के परगना राजेश टुडू के नेतृत्व में आदिवासी समाज के विभिन्न समुदाय के लोगों ने सोमवार को गम्हरिया प्रखंड मुख्यालय में जनाक्रोश रैली सह धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया. जनाक्रोश रैली के माध्यम से समाज के लोगों ने अपने हक व अधिकार के लिए एकजुटता दिखाकर शक्ति प्रदर्शन किया. इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि अपनी पहचान, अस्मिता व अस्तित्व समाप्त करने की साजिश को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. कुड़मी समाज को एसटी में शामिल होने नहीं दिया जायेगा. उनकी मांगों के विरोध में आंदोलन जारी रहेगा. इस मौके पर हजारों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग शामिल थे.पदयात्रा निकाल प्रखंड मुख्यालय पहुंचे लोग
धरना-प्रदर्शन से पूर्व गम्हरिया प्रखंड क्षेत्र के लोग संताल सरना उमूल व आदित्यपुर नगर निगम के लोग बिको मोड़ में एकत्रित हुए. इसके बाद सभी पारंपरिक परिधान व औजार के साथ आदित्यपुर-कांड्रा मुख्य मार्ग में पदयात्रा करते हुए प्रखंड मुख्यालय पहुंचे. प्रखंड मुख्यालय में आहूत धरना-प्रदर्शन में शामिल होने के पश्चात करीब तीन बजे बीडीओ प्रदर्शन स्थल पर बनाये गये मंच पर पहुंचे, जहां सदस्यों ने राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन सौंपा.
वक्ताओं ने कहा :
अनुसूचित जनजाति भारत देश के मूल निवासी के लिए किये गये संवैधानिक प्रावधान अनुसूचित जनजाति की सूची में सूचीबद्ध होने के लिए निर्धारित पांच मानदंडों पर खरा नहीं उतरने की वजह से भारत सरकार द्वारा झारखंड के कुरमी /कुड़मी महतो जाति को अनुसूचित जनजाति की सूची में सूचीबद्ध करने की मांग को खारिज कर दिया. इसके बाद भी महतो जाति के सामाजिक / राजनीतिक प्रतिनिधि द्वारा अपनी मांगों को उचित ठहराते हुए अनुसूचित जनजाति में शामिल कराने को कई वर्षों से निरंतर रेल टेका आंदोलन की जा रही है. अपनी मांगों को उचित ठहराने के लिए बेबुनियाद तथ्य, झूठा इतिहास गढ़कर पेश करते हुए भारत सरकार और झारखंड सरकार पर दवाब बनाने की कोशिश कर रहे हैं. कुरमी /कुड़मी / महतो जाति के लोगों का अनुसूचित जनजाति में शामिल होने का मुख्य उद्देश्य झारखंड के वर्तमान जनजातियों का संवैधानिक अधिकार के तहत आरक्षण और पारंपरिक अधिकारों को छीनकर हमारी पहचान, अस्मिता और अस्तित्व समाप्त करने की साजिश के तहत मुहिम चला रहे हैं. मौके परदुर्गाचरण मुर्मू, युधिष्टिर सरदार, नवीन मुर्मू, जोगेंद्र मार्डी, सोखेन हेंब्रम, रविंद्र बास्के, भोमरा माझी, सुनील सोरेन, होपना बेसरा, देव मार्डी, इंद्रो मुर्मू, रंजीत बानरा, रवींद्र सरदार, धरमू टुडू, सीताराम हेंब्रम, शंभू टुडू, पुटू टुडू, राम हांसदा, संग्राम मार्डी, गौरी शंकर टुडू, शंकर मार्डी, भोजोहरि मार्डी आदि.चार घंटे सड़क जाम, लगी वाहनों की कतार, ट्रैफिक लाइट रही बंद
लोगों का आंदोलन दोपहर करीब 12 बजे से शुरू हुई. इस दौरान समाज के लोग टायो गेट स्थित संथाल सरना उमूल से प्रखंड मुख्यालय तक पदयात्रा कर गये. प्रखंड मुख्यालय में धरना-प्रदर्शन के बाद पुनः पदयात्रा कर संथाल सरना उमूल तक पहुंचे. इस दौरान आदित्यपुर-कांड्रा मुख्यमार्ग करीब चार घंटें तक जाम रही. इससे दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गयी. जाम को देखते हुए लाल बिल्डिंग चौक का ट्रैफिक सिग्नल लाइट को बंद कर दी गयी थी.ट्रैक्टर-मालवाहक टेम्पो से भी लोग पहुंचे
आंदोलन को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखने को मिला. दूर-दराज की महिलाएं निजीस्तर पर ट्रैक्टर व मालवाहक टेम्पो से संथाल सरना उमूल पहुंचे. वहां से पदयात्रा कर प्रखंड मुख्यालय पहुंचे. इसके पश्चात पुनः ट्रैक्टर से अपने घर वापस लौटे.मुख्य मांगें
कुरमी / कुड़मी / महतो ओबीसी में सूचीबद्ध जाति को भारत का संविधान में निहित अनुच्छेद 342 के तहत अनुसूचित जनजाति में सूचीबद्ध नहीं किया जाए, पेसा एक्ट 1996 लागू किया जाए. केन्द्र सरकार द्वारा घोषित जातीय जनगणना से पहले, सरना धर्म कोड लागू किया जाए, झारखंड की पांचवीं अनुसूची जिले में नगर निगम चुनाव का विरोध आदि.आंदोलन शांतिपूर्वक व सफल रहा. समाज के लोगों ने अस्तित्व की रक्षा को एकजुटता का परिचय दिया. हमारा आंदोलन आगे भी जारी रहेगा.
राजेश टुडू, बोड़ पीड़ परगाना सिंञ दिशोम.
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