Jagannath Rath Yatra 2020 : सरायकेला में कोरोना ने रोकी प्रभु जगन्नाथ के रथ का पहिया, कंधे में उठा परंपरा का हुआ निर्वहन

Jagannath Rath Yatra 2020 : जगन्नाथ धाम पुरी की तर्ज पर सरायकेला में आयोजित किये जाने वाले रथयात्रा (Jagannath rathyatra) का आयोजन इस बार कोरोना संक्रमण (Corona infection) के स्थगित हो गया. यही कारण है कि इस बार महाप्रभु जगन्नाथ, भाई बलभद्र और देवी सुभद्रा अपने मौसी बाड़ी रथ की बजाये श्रद्धालुओं के कंधे पर गये.

By Prabhat Khabar Print Desk | June 23, 2020 9:30 PM

Jagannath Rath Yatra 2020 : सरायकेला (प्रताप मिश्रा ) : जगन्नाथ धाम पुरी की तर्ज पर सरायकेला में आयोजित किये जाने वाले रथयात्रा (Jagannath rathyatra) का आयोजन इस बार कोरोना संक्रमण (Corona infection) के स्थगित हो गया. यही कारण है कि इस बार महाप्रभु जगन्नाथ, भाई बलभद्र और देवी सुभद्रा अपने मौसी बाड़ी रथ की बजाये श्रद्धालुओं के कंधे पर गये.

राज्य सरकार (Hemant government) द्वारा कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण के कारण धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करने के रोक के कारण सरायकेला में इस वर्ष रथयात्रा का आयोजन नहीं हो पाया. पुजारियों ने मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना की.

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मंगलवार (23 जून, 2020) को प्रभु जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ अपने घर श्रीमंदिर से मंदिर प्रांगण में ही बने अस्थायी मौसी बाड़ी यानी गुंडिचा मंदिर के लिए निकले. इस दौरान श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम रही.

कोरोना संक्रमण (Corona infection) के कारण ही इस बार महाप्रभु को रथ में नहीं बिठाया गया. पुजारियों द्वारा कंधे से उठा कर ले जाया गया. जैसे ही श्रीमंदिर से विग्रहों को द्वार तक निकाला गया जय जगन्नाथ के उद्घोष लगाया गया.

इस दौरान राजा प्रताप आदित्य सिंहदेव द्वारा परंपरा के अनुसार छेरा पोंहरा का रस्म अदा किया गया. छेरा पोंहरा रस्म के तहत राजा द्वारा झाड़ू से प्रभु के लिए रास्ते की सफाई की गयी. इसके बाद पुजारी और श्रद्धालुओं ने कंधे पर उठा कर प्रभु के विग्रहों को मंदिर परिसर में ही घुमाते हुए अस्थायी मौसी बाड़ी पहुंचाया.

Posted By : Samir ranjan.

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